भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत तीन दिन के दौरे पर सोमवार को बिहार पहुंचे हैं। यहाँ पहुंच कर उन्होंने कहा है कि बिहार में किसानों की स्थिति काफी ख़राब है। यहां सूखे की समस्या से राज्य के ज्यादातर हिस्से में किसान परेशान हैं। सरकार भी किसानों की मदद नहीं कर रही। मंडी सिस्टम भी बिहार में खत्म कर दिया गया है। इसी दौरान उन्होंने किसानों से उनकी स्थिति सुधारने के लिए कहा कि वह बिहार में किसानों की आवाज बुलंद करेंगे और जरूरत पड़ी तो सीएम नीतीश कुमार से भी मुलाकात करेंगे।
बिहार दौरे पर पटना पहुंचे राकेश टिकैत ने कहा, “यहां किसान परेशान हैं। सरकार मदद नहीं कर रही। मंडी सिस्टम बिहार में खत्म कर दिया गया है। 25 से ज्यादा जिले सूखे की चपेट में हैं। किसानों के बीच में बिहार में जाऊंगा। तीन दिनों तक बिहार में हूं।” उन्होंने आगे कहा, “बिहार के किसान अपने हक के लिए आगे आएं और आवाज उठाएं। हम बिहार में सभी छोटे और बड़े किसान संगठनों को एकजुट करने और सरकार के खिलाफ अपने अधिकारों के लिए लड़ने की आवश्यकता के बारे में जागरूक करने के लिए बातचीत करेंगे।”
किसान नेता टिकैत ने आगे कहा कि किसान आंदोलन में बिहार के किसानों का बड़ा योगदान रहा है। मैं इस साल अक्टूबर से बिहार में अभियान करूंगा। उन्होंने किसानों से एक बड़े आंदोलन के लिए तैयार रहने की अपील की। सरकार किसी की भी हो अगर आंदोलन नहीं होगा तो किसानों को भाव नहीं देंगी। यह आंदोलन की देन है कि प्रधानमंत्री ने किसान घर के बेटे जगदीप धनखड़ को उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाया। उन्होंने कहा कि अगर किसान आंदोलन मजबूत रहा तो एक दिन किसान का बेटा भी देश का प्रधानमंत्री बनेगा।
राकेश टिकैत ने कहा कि रोजी-रोटी चलाने के लिए किसानों को पलायन करना पड़ता है। सरकार को पॉलिसी बनानी चाहिए। जल संचय के लिए कुछ जगहों पर बांध बनाने चाहिए। जहां सूखा रहता है वहां पानी को डिस्ट्रीब्यूट कर देना चाहिए। अगर पॉलिसी नहीं बनेगी तो नुकसान होगा। उन्होंने आगे कहा, “बिहार के लोग पूरे देश दुनिया में मजदूरी का ही काम करें। अपने ही राज्य में अगर फसल का सही भाव मिले और रोजगार के साधन उपलब्ध हो तो किसी को दूसरे राज्य में जाने की जरुरत नहीं पड़ेगी, इसकी लड़ाई बिहार के लोगों को अब शुरू करनी होगी।”