रुद्रपुर। जी हां आपको बताते चले कि कांग्रेस की टिकट पर मेयर का चुनाव लड़ रहे मोहनलाल खेड़ा को ट्रांजिट कैंप, रामपुर, खेड़ा सहित कई बस्तियों से भारी समर्थन मिल रहा है,उधर किच्छा से विधायक एवं तराई के कद्दावर नेता तिलक राज बेहड़ भी चुनावी समर में मोहनलाल खेड़ा के पक्ष में उतर गए हैं,उनके चुनाव में उतरने के कई मायने लगाए जा रहे है..
उत्तराखंड में नगर निकाय चुनावों की शुरुआत के साथ ही रुद्रपुर नगर निगम सीट पर राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो गई हैं। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और कांग्रेस दोनों ही इस सीट पर कब्जा जमाने के लिए पूरी ताकत झोंक रही हैं..
कांग्रेस प्रत्याशी मोहनलाल खेड़ा का चुनावी अभियान पूरी मजबूती के साथ आगे बढ़ रहा है.. भाजपा के प्रत्याशी विकास शर्मा को प्रचार के मामले में पीछे छोड़ते हुए खेड़ा ने जनता के बीच अपनी पैठ बना ली है.. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता तिलक राज बेहड़ ने रुद्रपुर में मोर्चा संभाल रखा है, जिससे कांग्रेस के पक्ष में माहौल बनता दिख रहा है.. विशेष रूप से प्रीपेड मीटर और नजूल भूमि के मुद्दों को लेकर कांग्रेस ने भाजपा को घेरने में सफलता हासिल की है.. इन ज्वलंत मुद्दों पर जनता की नाराजगी भाजपा को बैकफुट पर धकेलती नजर आ रही है।भाजपा को रुद्रपुर में लगातार सत्ता में रहने का नुकसान भी झेलना पड़ सकता है। जनता के बीच भाजपा के खिलाफ एंटी-इनकंबेंसी का माहौल बन रहा है। नगर निगम में कई विकास कार्यों को लेकर लोगों में असंतोष है, जिससे कांग्रेस को अप्रत्याशित लाभ मिल सकता है.. नैनीताल राष्ट्रीय राजमार्ग पर उजाड़े गए व्यापारियों और ठेला व्यवसायियों की नाराजगी भी भाजपा के लिए बड़ा नुकसान साबित हो सकती है.. ये मुद्दे कांग्रेस के पक्ष में काम करते हुए चुनावी समीकरण बदलने की क्षमता रखते हैं..कुल मिलाकर, रुद्रपुर में भाजपा और कांग्रेस के बीच कड़ी टक्कर देखने को मिल रही है.. जहां भाजपा अपने गढ़ को बचाने की कोशिश में है, वहीं कांग्रेस रणनीतिक रूप से उसे चुनौती देने में जुटी है.. कांग्रेस ने स्थानीय मुद्दों को प्रमुखता देकर भाजपा को घेरने की रणनीति अपनाई है, जिससे यह चुनाव रोमांचक मोड़ पर पहुंच गया है.. चुनावी मैदान में दोनों पार्टियों की स्थिति और जनता का मिजाज इस बार अप्रत्याशित नतीजों की ओर इशारा कर रहा है..