रुद्रपुर : तराई के संस्थापक एवं स्वतंत्रता संग्राम सेनानी स्वर्गीय पं. रामसुमेर शुक्ल के 107वीं जयंती के अवसर पर पूर्व विधायक राजेश शुक्ला, पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी,पूर्व विधायक राजकुमार ठुकराल, के नेतृत्व में सैकड़ों लोगों ने उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण किया…
तत्पश्चात कार्यक्रम स्थल पंडित राम सुमेर शुक्ल मेडिकल कॉलेज रुद्रपुर में पहुंचकर वक्ताओं ने कहा कि प्रसिद्ध स्वतंत्रता संग्राम सेनानी पंडित रामसुमेर शुक्ल का जन्म ग्राम भेड़ी, तहसील रुद्रपुर जिला देवरिया तत्कालीन जिला गोरखपुर उत्तर प्रदेश में 28 नवंबर 1915 को हुआ था….
उन्होंने छात्र जीवन से ही नेतृत्व की क्षमता ने उन्हें एक अलग पहचान दी..1936 में लाहौर अधिवेशन में मात्र 21 वर्ष की आयु में जिन्ना के द्वीराष्ट्रवाद का खुले मंच से विरोध किया था व राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाई थी..
नैनी, इलाहाबाद व फतेहगढ़ जेल में हुए नजर बंदी कैदी के रूप में अनेक घोर यातनाएं सही.. पंडित गोविद बल्लभ पंत की ओर से तराई को आबाद करने की जिम्मेदारी स्वर्गीय पंडित राम सुमेर शुक्ल के नेतृत्व में गठित तीन सदस्य टीम को सौंपी गई.. स्वर्गीय शुक्ल ने अपनी जिम्मेदारी को निभाते हुए तराई को आबाद किया…
रुद्रपुर का विकसित स्वरूप दिख रहा है इसकी नींव 1956 में स्वर्गीय शुक्ल ने रखी थी.. चार दिसंबर 1978 को 63 वर्ष की आयु में रुद्रपुर ऊधमसिंहनगर में उनका देहांत हुआ..
इस अवसर पर विधायक राजेश शुक्ला ने भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्री अश्वनी चौबे व प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा निर्माणाधीन स्वर्गीय पंडित राम सुमेर शुक्ल राजकीय मेडिकल कॉलेज के लिए बजट जारी करने के बाद किच्छा में एम्स की स्वीकृति पर आभार जताया।केंद्रीय मंत्री अश्वनी चौबे ने महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी पंडित राम सुमेर शुक्ल की जयंती के अवसर पर सामाजिक,आर्थिक,धार्मिक और औद्योगिक क्षेत्र में सराहनीय कार्य करने वाले प्रतिभावान लोगों को भी सम्मानित किया गया।