रुद्रप्रयाग।केदारनाथ धाम के कपाट आज मंगलवार सुबह 6 बजकर 10 मिनट पर श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए… कपाटोद्घाटन के शुभ अवसर पर केदारनाथ मंदिर को 35 क्विंटल फूलों से सजाया गया है… कपाटोद्घाटन के साक्षी बनने के लिए आठ हजार से ज्यादा श्रद्धालु धाम पहुंच चुके हैं…
सुबह पांच बजे से कपाट खुलने की प्रक्रिया शुरू हो गई.. धार्मिक परंपराओं के निर्वहन के साथ-साथ बाबा केदार की पंचमुखी भोग मूर्ति चल उत्सव विग्रह डोली में विराजमान होकर रावल निवास से मंदिर परिसर में पहुंचे आज शुभ बेला में खुले धाम के कपाट, पावन अवसर के साक्षी बनने पहुंचे हजारों श्रद्धालु सुबह पांच बजे से कपाट खुलने की प्रक्रिया शुरू हो गई धार्मिक परंपराओं के निर्वहन के साथ-साथ बाबा केदार की पंचमुखी भोग मूर्ति चल उत्सव विग्रह डोली में विराजमान होकर रावल निवास से मंदिर परिसर में पहुंचेगी।
यहां पर रावल भक्तों को आशीर्वाद दिया.. इसके बाद रावल एवं श्री बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति के पदाधिकारियों की मौजूदगी में प्रशासन की ओर से मंदिर के कपाट खोले गए.. इसके बाद मुख्य पुजारी शिवलिंग गर्भ गृह में भगवान केदारनाथ की विशेष पूजा-अर्चना की..इसके बाद ग्रीष्मकाल के लिए केदारनाथ के दर्शन शुरू हो गए। वहीं बीकेटीसी के अध्यक्ष अजेंद्र अजय और सीईओ योगेंद्र सिंह ने बताया कि मंदिर को सजाया जा चुका है। साथ ही यात्रा को लेकर अन्य सभी तैयारियां भी पूरी कर दी गई है..
धार्मिक परंपराओं के निर्वहन के साथ-साथ बाबा केदार की पंचमुखी भोग मूर्ति चल उत्सव विग्रह डोली में विराजमान होकर रावल निवास से मंदिर परिसर में पहुंची..
सीएम धामी भी रहें मौजूद
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी केदारनाथ धाम के कपाट खुलने के शुभ अवसर पर देवाधिदेव महादेव की पूजा-अर्चना कर प्रदेश की खुशहाली की कामना की। कपाट खुलने की पूर्व संध्या पर मुख्यमंत्री ने सोमवार शाम गुप्तकाशी पहुंच कर यात्रा व्यवस्थाओं का जायजा भी लिया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि चारधाम यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं की मंगलमय यात्रा के लिए प्रदेश सरकार की ओर से सभी आवश्यक व्यवस्थाएं की जा रही हैं। सभी श्रद्धालुओं को सुगमता के साथ देव दर्शन की सुविधा मिले.. इसकी भी प्रभावी व्यवस्था सुनिश्चित की गई है.. उन्होंने भगवान केदारनाथ से सभी की मनोकामना पूर्ण करने की भी प्रार्थना की है..मुख्यमंत्री ने कहा कि इस बार चारधाम यात्रा में गत वर्ष की अपेक्षा अधिक श्रद्धालु प्रदेश में आकर चारों धामों के दर्शन कर पुण्य के भागी बनेंगे।