चमोली।उत्तराखंड के चमोली जिले में खराब मौसम के बीच आज सुबह करीब नौ बजे नीती घाटी के मलारी गांव से 200 मीटर की दूरी पर मलारी नाले में ग्लेशियर टूट गया। इसका वीडियो वायरल होने पर निचले क्षेत्रों में रह रहे लोग दहशत में आ गए.
करीब पंद्रह मिनट तक क्षेत्र में बर्फ की धुंध छाई रही.. हालांकि सुबह दस बजे तक स्थिति सामान्य हो गई तब लोगों ने राहत की सांस ली..
बता दें कि सात फरवरी 2021 को चमोली में ही ऋषि गंगा की आपदा में 206 लोगों की मौत हो गई थी, जिसमें से 88 के शव बरामद किए जा चुके थे… एनटीपीसी के 140 श्रमिकों की भी इस आपदा में मौत हो गई थी, जिसमें कई श्रमिकों के शव परियोजना की टनल में फंसे हुए थे। ऐसे में अब सोमवार को लोगों ने ग्लेशियर टूटने की खबर सुनी तो हर किसी के मन में उस आपदा की काली यादें ताजा हो गईं…
शीतकाल में नीती घाटी में निवास करने वाले भोटिया जनजाति के ग्रामीण जिले के निचले क्षेत्रों में रहने चले जाते हैं.. मलारी गांव के ग्रामीण शीतकाल में जिले के देवलीबगड़ में रहते हैं जबकि मलारी में सैन्य शिविर स्थित है.. सोमवार को मलारी गांव के करीब मलारी नाले में बर्फ की धुंध उठती दिखी…
बताया जा रहा है कि कुंती भंडार नामक स्थान से ग्लेशियर टूटने के बाद बर्फ की धुंध निचले क्षेत्रों में फैल गई। मलारी में रह रहे सैन्य बल के एक सैनिक ने इसे अपने मोबाइल फोन में कैद कर लिया और देखते ही देखते यह वीडियो वायरल हो गया…
मलारी गांव के धर्मेंद्र सिंह ने बताया कि मलारी गदेरे में ग्लेशियर टूटने की घटना पहले भी हुई है लेकिन नुकसान कभी नहीं हुआ है.. वहीं जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नंद किशोर जोशी ने बताया कि मलारी नाले में ग्लेशियर आने की सामान्य घटना थी… इससे क्षेत्र में कोई घटना नहीं हुई है.. घाटी में स्थिति सामान्य है।