रुद्रपुर। कांग्रेस ने हाल में ही रुद्रपुर में भारत जोड़ो यात्रा निकाली, लेकिन बेहतर होता कि पहले कांग्रेस जोड़ो पर काम किया जाता। दरअसल रुद्रपुर में कांग्रेस खेमों में बटी नजर आती है। पार्टी हाईकमान भी रुद्रपुर की गुटबाजी के लिए कम जिम्मेदार नहीं है। हाल में ही कांग्रेस के कार्यकारी महानगर अध्यक्ष पद पर सीपी शर्मा की ताजपोशी की गई, मगर इसके लिए जनाधार वाले नेताओं से राय मशविरा तो दूर उन्हें विश्वास तक में नहीं लिया गया। नतीजा यह हुआ कि सीपी शर्मा ने जब कांग्रेसी पार्षदों की बैठक बुलाई तो पार्षद बैठक में नहीं पहुंचे। कांग्रेस में चल रही खेमेबाजी का चुनावों में भुगतना पड़ता है।
अभी निकट भविष्य में नगर निगम के चुनाव होने हैं, लेकिन कांग्रेस में खेमेबाजी दिखाई दे रही है। कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा में एक गुट के नेताओं की गैर मौजूदगी रही, जबकि कांग्रेस के एक बड़े नेता ने रुद्रपुर पहुंच कर कार्यक्रम तय किया था। हाल में ही सीपी शर्मा को रुद्रपुर का कांग्रेस का कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया। पार्टी हाईकमान ने इसके लिए जनाधार वाले कांग्रेस नेताओं से राय मशविरा तक नहीं किया।
गौरतलब है कि रुद्रपुर विधान सभा सीट पूर्व मंत्री तिलकराज बेहड़ के छोड़ने के बाद पूर्व पालिकाध्यक्ष मीना शर्मा को प्रत्याशी बनाया गया। मीना शर्मा ने 40 हजार से अधिक वोट उस स्थिति में प्राप्त किए जब कांग्रेस के नेता यारी दोस्ती और रिश्तेदारी निभाते हुए अंदरखाने दूसरे प्रत्याशियों को मजबूत कर रहे थे। सूत्रों की माने तो ऐसी स्थिति में कार्यकारी अध्यक्ष की नियुक्ति में मीना से भी कोई मशविरा नहीं लिया गया। साथ ही नगर निगम में जनता का प्रतिनिधित्व कर रहे पार्षदों को भी दरकिनार किया गया।
कांग्रेस के एक नेता ने अपनी पहुंच के चलते सीपी शर्मा की ताजपोशी करा दी। सूत्र बताते हैं शर्मा ने पार्षदों की बैठक आहुत की, मगर कोई पार्षद नहीं पहुंचा। इसे पार्षदों की नाराजगी माना जा रहा है। इससे कांग्रेस में गुटबंदी को और बल मिलेगा। अभी नगर निगम के चुनाव होने हैं, ऐसे में कांग्रेस की धड़ेबाजी का नुकसान कांग्रेस को हो सकता है। पार्टी हाईकमान को रुद्रपुर की समीक्षा करने की जरूरत है, ताकि जनाधार वाले नेताओं का सम्मान रह सके।