चीन डोकलाम में अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। वह आए दिन सीमा पर कुछ ना कुछ करता रहता है। एक बार फिर डोकलाम में चीनी घुसपैठ का पर्दाफाश हुआ है। चीन के घुसपैठ का मामला इस बार अरुणाचल-भूटान बॉर्डर से सामने आया है। बीते दिनों चीनी घुसपैठ के बाद चीन की तरफ से गांव बसाने की जानकारी सामने आई थी। अब भूटान की ओर डोकलाम पहाड़ी के पूर्व में चीन के एक गांव का निर्माण करने की नई उपग्रह तस्वीरें को सामने आई हैं। नई सैटेलाइट तस्वीरों में हर घर के दरवाजे पर कारें खड़ी नजर आ रही है। इन फोटो से साफ हो गया है कि चीन ने भारत की सीमा से सटे डोकलाम के पास दो गांवों को पूरी तरह से बसा लिया है।
चीन इसी क्षेत्र में बसा रहे नए गांव
नई सैटेलाइट से संकेत मिलता है कि चीन अमो चू नदी घाटी में एक दूसरा गांव भी बसा रहा है। चीन ने दक्षिण क्षेत्र में तीसरे गांव या आवास निर्माण शुरू कर दिया है। तीसरे गांव के लिए अमो चू के पार एक पुल तैयार किया गया है। अमो चू नदी के किनारे भूटानी क्षेत्र में 10 किमी अंदर कम से कम चार गांवों को बसाया है। यह क्षेत्र भूटान की तेज बहाव वाली अमो चू नदी के किनारे है।
गांव आधुनिक तकनीकों से लैस
सैटेलाइट तस्वीरों में गांव के सभी घरों के सामने पार्किंग दी गई है। इनमें देख सकते है कि हर घर के दरवाजे के बाहर एक गाड़ी खड़ी नजर आ रही है। इन्हें आधुनिक तकनीकों से लैस किया गया है। चीन ने इस गांव का नाम पंगडा रखा है।
दो गांवों का निर्माण पूरा, तीसरे की निर्माण प्रक्रिया शुरू
नई सैटेलाइट तस्वीरों के मुताबिक चीन अमो चू नदी घाटी में भी दूसरा गांव बसा रहा है, जो अब लगभग पूरा हो गया है। अमेरिकी कंपनी मैक्सार की सैटेलाइट इमेज से खुलासा हुआ है कि अब दक्षिण में तीसरे गांव में घरों का निर्माण किया जा रहा है। तीसरे गांव के नजदीक एक पुल भी तैयार किया है। छह इमारतों की नींव भी साफ नजर आ रही है। कई दूसरे निर्माण के लिए भी काम तेजी से हो रहा है।
दूसरों की जमीन कब्जाने का पुराना तरीका
विशेषज्ञों का मानना है कि सीमा के नजदीक गांवों को बसाना चीन की दूसरों की जमीन कब्जाने का पुराना तरीका है। साल 2017 में भारतीय सेना और चीनी सेना आमने सामने हुई थी, यह जगह वहां से मात्र 9 किलोमीटर दूर है। पगंडा को कनेक्टिविटी उपलब्ध करवाने के लिए चीन ने हर मौसम में खुला रहने वाला सड़क भी बनाया है।