उधमसिंहनगर जिले की बदल रही डेमोग्राफी की खबर पर एसडीएम रुद्रपुर में लिया संज्ञान जांच के दिए तहसीलदार को आदेश उधमसिंह नगर जिले की डेमोग्राफी (जनसांख्यिकी) में हो रहे बदलाव को लेकर उठे सवालों पर प्रशासन ने संज्ञान लिया है। रुद्रपुर के एसडीएम ने इस मामले में तहसीलदार को जांच के आदेश दिए हैं। यह कदम उन रिपोर्टों के बाद उठाया गया है, जिनमें जिले में बाहरी व्यक्तियों के बसने और अवैध रूप से निवास प्रमाण पत्र, आधार कार्ड और अन्य दस्तावेज बनवाने की बात कही जा रही है।
जांच का उद्देश्य यह पता लगाना है कि क्या जिले में अवैध तरीके से बसावट हो रही है और क्या इससे जनसांख्यिकी में असंतुलन पैदा हो रहा है। इस मामले में सरकारी दस्तावेजों के दुरुपयोग की आशंका भी जताई जा रही है। तहसीलदार को निर्देश दिए गए हैं कि वे जल्द से जल्द इस मामले की रिपोर्ट तैयार करें और आवश्यक कार्रवाई करें।
यह कदम स्थानीय निवासियों और जनप्रतिनिधियों द्वारा प्रशासन से इस मुद्दे पर शिकायतें किए जाने के बाद लिया गया है। प्रशासन इस बात को सुनिश्चित करना चाहता है कि जिले में कानून और व्यवस्था बनी रहे और कोई अवैध गतिविधि न हो।
हमारी खबर का संज्ञान लेते हुए एसडीएम रुद्रपुर मनीष बिष्ट ने तहसीलदार रुद्रपुर दिनेश कुटोला को अब इस पूरे मामले की जांच सौंप दी है…एसडीएम ने तहसीलदार रुद्रपुर के नेतृत्व में एक जांच टीम का गठन किया है जो जल्द ही इस पूरे मामले की जांच रिपोर्ट एसडीएम को सौंपेगी,एसडीएम रुद्रपुर मनीष बिष्ट ने जांच टीम को पुलिस के साथ कोऑर्डिनेशन कर पूरे मामले की बहुत ही गहनता के साथ जांच करने के निर्देश दिए हैं और उम्मीद है कि इसके बाद इस पूरे मामले में भू-कानून का उल्लंघन कर अवैध रूप से सरकारी भूमि पर मकान और दुकान बनाने वाले लोगों के खिलाफ प्रशासनिक स्तर पर भी कार्रवाई शुरू हो जाएगी…दरअसल बीते कुछ वर्षों में जनपद ऊधमसिंहनगर के तमाम क्षेत्रों में एक समुदाय विशेष की आबादी में अचानक बढ़ोत्तरी से खास तौर पर रुद्रपुर के फाजलपुर मेहरौला,ट्रांजिट कैंप क्षेत्र से लगते हुए लमरा और गड्ढा कॉलोनी क्षेत्र के साथ-साथ किच्छा के सिरौली कला में हुए ‘डेमोग्राफिक चेंज’(जनसांख्यिकीय बदलाव) को लेकर जिले के स्थानीय लोगों के साथ-साथ अब इंटेलिजेंस यूनिट की परेशानी भी बढ़ा दी है…
तराई में बसे जनपद ऊधमसिंहनगर की डेमोग्राफी चेंज होने की लगातार आ रही सूचना ने खुफिया विभाग के साथ ही पुलिस-प्रशासन के आला अधिकारियों के माथे पर भी बल डाल दिया हैं…हम आपको बता दें कि रूद्रपुर में सरकारी,सीलिंग और पट्टे की जमीनों पर इन दिनों बड़े पैमाने पर समुदाय विशेष के लोग ₹10 के स्टांप पर जमीन खरीद कर बड़े पैमाने पर मकान और दुकान सहित अन्य पक्के निर्माण का कार्य कर रहे हैं…रुद्रपुर के फाजलपुर मेहरौला के प्रीत विहार में तो सैकड़ो की संख्या में समुदाय विशेष के लोग मकान और दुकाने बनाकर रहने भी लगे हैं,उधर रुद्रपुर के ट्रांजिट कैंप क्षेत्र से लगते हुए लमरा और गड्ढा कॉलोनी क्षेत्र में भी ₹10 के स्टांप पर बड़े पैमाने पर बेची गई ऐसी जमीनों पर समुदाय विशेष के लोग मकान और दुकान बना कर रह रहे हैं…जिले में बड़े पैमाने पर आने वाले ऐसे लोग पीलीभीत,मुरादाबाद,रामपुर,बरेली,बिजनौर,शाहजहांपुर,अमरोहा और मुरादाबाद से बड़ी संख्या में लगातार जनपद ऊधमसिंहनगर में प्रवेश कर रहे हैं…
लोग जिले में प्रवेश करने के बाद ज्यादातर सरकारी भूमि पर कच्चा और फिर रातोंरात पक्का निर्माण का कार्य भी युद्ध स्तर पर कर रहे हैं और यही कारण है कि रुद्रपुर और किच्छा विधानसभा क्षेत्र में अब मतदाताओं की संख्या में भी हजारों की संख्या में एका-एक इजाफा हो रहा है…खासतौर से उत्तर प्रदेश के सीमावर्ती जनपदों से तराई में आने वाले ये लोग लगातार सरकार को राजस्व का चूना लगा रहे हैं और चूंकि इन लोगों के द्वारा ज्यादातर सरकारी,सीलिंग और पट्टे की भूमि पर बनाए गए मकान और दुकानों की रजिस्ट्री भी नहीं होती है इसलिए इनका एग्जैक्ट रिकॉर्ड मिलना भी बड़ा मुश्किल हो जाता है…फिलहाल रुद्रपुर के उपरोक्त क्षेत्रों में मात्र ₹10 के स्टांप पर बड़े पैमाने पर सीलिंग,पट्टे और सरकारी जमीन पर मकान और दुकान बनाकर ये लोग लगातार सरकारी भूमि पर काबिज होते जा रहे है,जिले के ऐसे प्रतिबंधित क्षेत्रों में समुदाय विशेष के लोगों की लगातार हो रही आमद के खास इनपुट के बाद जिले के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मणिकांत मिश्रा ने इस पूरे मामले की जांच के आदेश पहले ही लोकल इंटेलीजेंस यूनिट को सौंप दी है…
हम आपको बता दें कि जिले में बड़ी संख्या में आने वाले ऐसे लोगों का किसी भी प्रकार का कोई वेरिफिकेशन नहीं होता है और अन्य जनपदों से ऐसे लोग बड़ी संख्या में जिले में लगातार आ रहे हैं,जिनमें अपराधी प्रवृत्ति के लोग भी हो सकते हैं इसलिए इस पूरे मामले की विस्तृत जांच की अत्यंत आवश्यक है…ऐसे मामलों में संबंधित क्षेत्र के राजस्व उप निरीक्षकों के भूमिका की जांच भी होनी चाहिए क्योंकि सरकार की एक-एक इंच सरकारी जमीन की निगरानी की जिम्मेदारी उस क्षेत्र के संबंधित राजस्व उप निरीक्षक की ही होती है…सूत्रों के अनुसार फाजलपुर महरौला के प्रीत विहार क्षेत्र में जिस दौरान समुदाय विशेष के लोगों ने बड़े पैमाने पर सीलिंग की जमीन पर अवैध रूप से मकान और दुकानों का निर्माण किया था उस दौरान वहां समुदाय विशेष के एक विवादित पटवारी की ही तैनाती थी,जिसे बाद में तत्कालीन जिलाधिकारी ने लगातार मिल रही शिकायत के बाद उस क्षेत्र से हटा दिया था …राज्य सरकार को राजस्व के करोड़ों रुपए का चूना लगाकर सरकारी जमीन पर अवैध रूप से मकान,दुकान और पक्का निर्माण बनाकर रहने वाले ऐसे लोगों के खिलाफ अब स्थानीय लोग भी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं…लिहाजा इसी के तहत जिले के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के बाद अब रुद्रपुर के SDM मनीष बिष्ट ने भी इस पूरे मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच टीम का गठन कर तहसीलदार रुद्रपुर को इस पूरे मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं।