रुद्रपुर।जनसांख्यिकीय बदलावों पर रोक लगाने के प्रभावी उपाय करने की भी बात एक वर्ग करने लगा है.. कई जिलों से शासन ने इस बाबत जिला प्रशासन और पुलिस से खुफिया रिपोर्ट भी तलब की है.. देवभूमि उत्तराखंड में जनसांख्यिकीय बदलाव का मुद्दा हाल में बड़ी तेजी से उछला है.. उत्तराखंड के कुमाऊं का द्वार उधमसिंहनगर में भी जनसांख्यिकीय अनुपात में भारी बदलाव देखने को मिला है.. इससे कई किस्म के प्रश्न-प्रतिप्रश्न भी पैदा हुए हैं… सियासी हलकों मेें भी इसे लेकर खासी हलचल है.. जनसांख्यिकीय बदलावों पर रोक लगाने के प्रभावी उपाय करने की भी बात एक वर्ग करने लगा है.. कई जिलों से शासन ने इस बाबत जिला प्रशासन और पुलिस से खुफिया रिपोर्ट भी तलब की है.. देवभूमि उत्तराखंड में जनसांख्यिकीय बदलाव का मुद्दा हाल में बड़ी तेजी से उछला है..
शासन और पुलिस मुख्यालय के निर्देश पर जिला पुलिस-प्रशासन ने बीते एक दशक में समुदाय विशेष की आबादी बढ़ने वाले इलाकों को चिह्नित करने की कवायद शुरू भी कर दी है..
जनसांख्यिकीय बदलाव (डेमोग्राफिक चेंज) ने सीमांत के बाशिंदों की चिंता बढ़ा दी है.. देश के कई राज्यों के साथ ही नेपाल से आकर छोटा-बड़ा कारोबार शुरू कर रहे वर्ग विशेष के अपरिचित चेहरों के कारण चीन और नेपाल से लगे इस सीमांत जिले की संवेदनशीलता बढ़ गई है…
असुविधाओं के पहाड़ से जिस तेजी से यहां के लोग शहरी क्षेत्रों के लिए पलायन कर रहे हैं उसी अनुपात में बाहर के लोग सीमांत के हर कस्बे तक पहुंचने लगे हैं। इनमें मजदूर से लेकर व्यापारी तक शामिल हैं.. खुफिया एजेंसियां भी मानती हैं कि पिछले कुछ सालों में कारीगर, बारबर, सब्जी, मांस, फेरी व्यवसाय सहित अन्य छोटे-मोटे व्यापार में बाहर से आए लोगों की भीड़ बढ़ी है..
कबाड़ बीनने वालों की संख्या भी नगर और कस्बों में तेजी से बढ़ी है.. बाहरी लोगों का पुलिस सत्यापन कर रही है.. मकान मालिकों और व्यापारियों को भी नौकरों का सत्यापन करने के निर्देश दिए गए हैं.. इसके बावजूद अधिकांश लोग बिना सत्यापन के घूमते नजर आते हैं..
जिले में कुछ सालों से बाहरी जगहों से बड़ी संख्या में लोगों की बसासत हुई है.. यूपी समेत अन्य राज्यों से बड़ी संख्या में वर्ग विशेष के लोग आकर बसे हैं.. यूपी और नेपाल सीमा से लगा होने की वजह से यूएस नगर बेहद संवेदनशील भी है.. इसके अलावा छोटे-छोटे विवादों को धार्मिक रंग देने के कई मामले घट चुके हैं.. चुनाव को लेकर बाहरी लोगों की बसासत को बेहद संवेदनशील माना जा रहा है.. शासन की ओर से बाहरी लोगों की बसासत को लेकर मांगी रिपोर्ट पर गोपनीय ढंग से जांच कर जुटाए जा रहे हैं..
उधर जिले में मिल रहे ऐसे खास इनपुट के बाद जिले के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मणिकांत मिश्रा ने अब इस पूरे मामले की जांच लोकल इंटेलीजेंस यूनिट को सौंप दी है…SSP की माने तो जिले में बड़ी संख्या में आने वाले ऐसे लोगों का किसी भी प्रकार का कोई वेरिफिकेशन नहीं है और अन्य जनपदों से ऐसे लोग बड़ी संख्या में जिले में आ रहे हैं,जिनमें अपराधी प्रवृत्ति के लोग भी हो सकते हैं इसलिए इस पूरे मामले की विस्तृत जांच आवश्यक है…राज्य सरकार को राजस्व के करोड़ों रुपए का चूना लगाकर सरकारी जमीन पर अवैध रूप से मकान और दुकान बनाकर रहने वाले ऐसे लोगों के खिलाफ अब स्थानीय लोग भी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं लिहाजा इसी के तहत जिले के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने अब पूरे मामले को बहुत ही गंभीरता से लेते हुए अब मामले की जांच के आदेश लोकल इंटेलीजेंस यूनिट को दे दिए हैं ।