30 जून को जीएसटी को लागू हुए पांच साल हो गए हैं और पांच साल पूरे होने पर जहाँ सरकार जीएसटी को लागू होने के पांच साल का जश्न मना रही है, वहीं जीएसटी काउंसिल की 47वीं मीटिंग में आम आदमी के उपभोग के ऐसी चीजों पर टैक्स लगाया गया है जो कि अब तक जीएसटी के दायरे से बाहर थीं। जीएसटी के बदलाव 18 जुलाई से लागू होंगे। इनमें जो सबसे अहम फैसला किया गया है वो ये कि अब तक अधिकांश अनाज और खाने-पीने की चीजें और कृषि उपकरण आदि जीएसटी के बाहर थे, पर वे सब जीएसटी के दायरे में आ गए हैं। यही नहीं कुछ बदलाव इस मीटिंग में ऐसे किए गए हैं जिन्हें टैक्स एक्सपर्ट सीधे-सीधे विधि सम्मत नहीं होने की बात कह रहे हैं।
जीएसटी काउंसिल के 47वीं मीटिंग के अनुसार, करीब 10 आइटम्स पर GST से छूट वापस ले ली जाएगी। यानी इन पर अब तक शून्य जीएसटी थी और अब इन पर 5 से 18 प्रतिशत जीएसटी दर लगा दी गई है। इनमें मुख्य आइटम्स इस प्रकार हैं –
- 1000 रुपये तक की कीमत वाले होटल आवास, जो किए 1000/दिन से कम किराए के हैं 12% कर लगाया जाएगा
- (आईसीयू को छोड़कर) एक अस्पताल द्वारा प्रति मरीज प्रति दिन 5000 रुपये से अधिक शुल्क पर जो कमरे का किराया लिया जाएगा, उस पर बिना आईटीसी के कमरे के लिए 5% चार्ज की गई राशि पर कर लगाया जाएगा।
- अब तक, ब्रांडेड नहीं होने पर निर्दिष्ट खाद्य पदार्थों, अनाज आदि पर जीएसटी से छूट दी गई थी। लेकिन अब प्री-पैक, प्री-लेबल दही, लस्सी और बटर मिल्क सहित लीगल
मेट्रोलॉजी एक्ट के तहत प्री-पैकेज्ड और प्री-लेबल रिटेल पैक को भी छूट के दायरे से बाहर करने की सिफारिश की गई है। - कला या संस्कृति, या खेल से संबंधित मनोरंजक गतिविधियों में प्रशिक्षण या कोचिंग पर कर छूट ऐसी सेवाओं तक सीमित है जब किसी व्यक्ति द्वारा आपूर्ति की जाती है।
- बैंक चेक – अब 18% जीएसटी
- मानचित्र और हाइड्रोग्राफिक या सभी प्रकार के समान चार्ट, जिसमें एटलस, दीवार के नक्शे, स्थलाकृतिक योजनाएं और ग्लोब शामिल हैं, पर भी अब 12% जीएसटी
- रेल या रेलवे उपकरण और सामग्री के एक जहाज द्वारा परिवहन
- उन वस्तुओं का भंडारण या भंडारण जिन पर कर (नट, मसाले, खोपरा, गुड़, कपास आदि) लगता है
- आरबीआई, आईआरडीए, सेबी, एफएसएसएआई द्वारा सेवाएं
- संस्थाओं (पंजीकृत व्यक्तियों) को आवासीय आवास किराए पर देना
- स्टेम सेल के संरक्षण के माध्यम से गर्भनाल रक्त बैंकों द्वारा प्रदान की जाने वाली सेवाएं
- सीईटीपी की तरह, बायोमेडिकल कचरे के उपचार या निपटान के लिए सामान्य जैव-चिकित्सा अपशिष्ट उपचार सुविधाओं पर 12% कर लगाया जाएगा ताकि उन्हें
आईटीसी की अनुमति मिल सके|