राजस्थान पुलिस (Rajasthan Police) ने नकली नोट(Fake Currency) छापने (Printing) व सप्लाई करने वाले गिरोह से पौने तीन करोड़ रुपए बरामद कर सात युवकों को गिरफ्तार किया है। इस अंतरराज्यीय गिरोह (InterState) में वकील, आढ़तिया, दुकानदार और कूरियरकर्मी शामिल हैं। करीब डेढ़ साल से यह गिरोह देश में नकली नोटों की सप्लाई (Supply Of Fake Note) कर रहा था। पुलिस महानिरीक्षक (IG) ओमप्रकाश ने रविवार को इस प्रकरण का खुलासा किया। पुलिस का अनुमान है कि आरोपी अब तक 12 से 15 करोड़ के नकली नोट पूरे देश में खपा चुके हैं। महानिरीक्षक ने बताया कि कार्रवाई में पकड़ा गया मुख्य सरगना नोखा के सुरपुरा निवासी चम्पालाल उर्फ नवीन (31) आढ़त व्यवसायी है।
जसरासर थाना क्षेत्र के बेरासर गांव निवासी राकेश (22) तथा नापासर थाना क्षेत्र के गुंसाईसर बड़ा निवासी पूनमचंद (26) कूरियरकर्मी हैं। लूणकरनसर निवासी मालचंद (29) दुकानदार है, खाजूवाला थाना क्षेत्र के 28 केजेडी हाल वृन्दावन एन्क्लेव कॉलोनी निवासी रविकान्त (24) अधिवक्ता है। साथ ही, दंतौर निवासी नरेन्द्र (27) और लूणकरनसर निवासी दीपक (26) को गिरफ्तार किया गया है।
आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि नकली नोट छापने के लिए सॉफ्टवेयर खरीदा और ऑनलाइन इसकी ट्रेनिंग ली। नकली नोट छापने वाले मुख्य सरगना चम्पालाल उर्फ नवीन से अभी पूछताछ चल रही है कि उसने यह सॉफ्टवेयर कहां से खरीदा। उसने अन्य लोगों को भी वृंदावन एन्क्लेव के एक मकान में ट्रेनिंग दी।
पुलिस महानिरीक्षक ओमप्रकाश भी नोट को पहली बार देखने पर चकरा गए। गिरोह ने नकली नोट बनाने के लिए हाइ क्वालिटी के कागज, नोट के बीच लगने वाली तार पट्टी तक नकली बना रखी थी। नोटों की गड्डियों पर बैंकों की ओर से लगने वाली पैकिंग पट्टी भी इनसे बरामद हुई है। इसे देखते हुए रिजर्व बैंक की टीम भी इन नोटों की पड़ताल करने के लिए बीकानेर आ सकती है।
पड़ताल में पता चला कि साठ लाख रुपए के नकली नोट सोमवार को कोलकाता भेजे जाने थे। इनके बदले असली नोट बैंक खाते से लिए जाते थे। आइजी ने बताया कि आरोपियों ने बीकानेर से देश दिल्ली, कोलकाता, मुम्बई, पुणे, चेन्नई, बेंगलूरु, पटना, गुवाहाटी, शिलोंग, लुधियाना, चंडीगढ़, सूरत, अहमदाबाद, वृंदावन, बनारस, गाजियाबाद आदि शहरों में सप्लाई किए जा रहे हैं।
नकली नोट छापने के लिए विशेष प्रकार की स्याही और कागज सप्लाई करने वाले दीपक को हरियाणा पुलिस ने रविवार को करनाल से गिरफ्तार कर लिया। उससे पता चलेगा कि यह स्याही, कागज और पन्नी वह और किस-किसको भेज देता था।