देश के राज्यों के सभी विधायकों के वोट का वैल्यू 5 लाख 43 हजार 231 है। वहीं, लोकसभा के सांसदों का कुल वैल्यू 5 लाख 43 हजार 200 है। इस तरह से दोनों विधायकों की कुल वोट वैल्यू 10 लाख 86 हजार 431 है। इसमें 776 सांसदों की कुल वोट की वैल्यू है- 543,200, जबकि देश के कुल 4,033 विधायकों की वोट वैल्यू है- 543,231।
चुनाव आयोग ने बताया है कि राष्ट्रपति चुनाव के कुल वोटरों की संख्या 4,809 है। राष्ट्रपति का चुनाव संसद के दोनों सदनों के निर्वाचित सदस्यों के चुनावी कॉलेज के सदस्यों और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली और केंद्र शासित प्रदेश पुडुचेरी समेत सभी राज्यों की विधानसभाओं के निर्वाचित सदस्यों के मतों के जरिए किया जाता है। वोट डालने के लिए चुनाव आयोग सभी वोटरों को पेन देगा।
साल 1997 के राष्ट्रपति चुनाव के बाद से संसद सदस्य के वोट का मूल्य 708 निर्धारित किया गया है लेकिन इस बार राष्ट्रपति चुनाव 2022 (Presidential Election 2022) में हर सांसद (MP) के वोट का मूल्य (Vote Value) 708 से घटकर 700 रह जाएगा। जिसकी वजह जम्मू-कश्मीर में विधानसभा का नहीं होना है। राष्ट्रपति चुनाव में एक सांसद के मत का मूल्य दिल्ली, पुडुचेरी और जम्मू-कश्मीर समेत दूसरे राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों की विधानसभाओं के लिए निर्वाचित मेंबर की संख्या पर आधारित होता है। जम्मू-कश्मीर में अब तक विधानसभा चुनाव नहीं हुए हैं। ऐसे में जम्मू-कश्मीर के विधायकों के वोट का मूल्य निर्धारित नहीं हो सकेगा और सांसदों की वोट वैल्यू कम हो जाएगी
- उत्तर प्रदेश में विधायकों की संख्या 403 है। एक विधायक के वोट की वैल्यू 208 है। इस तरह कुल विधायकों के वोटों की वैल्यू 83824 है।
- राजस्थान में विधायकों की संख्या 200 है। यहां एक विधायक के वोट की वैल्यू 129 है। इस तरह कुल विधायकों के वोटों की वैल्यू 25800 है। (25765806/200) /1000 = 128
- बिहार में विधायकों की संख्या 243 है। यहां एक विधायक के वोट की वैल्यू 173 है। इस तरह कुल विधायकों के वोटों की वैल्यू 42039 है।
- मध्य प्रदेश में विधायकों की संख्या 230 है। यहां एक विधायक के वोट की वैल्यू 131 है। इस तरह कुल विधायकों के वोटों की वैल्यू 30130 है।
- पश्चिम बंगाल में विधायकों की संख्या 294 है। यहां एक विधायक के वोट की वैल्यू 151 है। इस तरह कुल विधायकों के वोटों की वैल्यू 44394 है।
- महाराष्ट्र में विधायकों की संख्या 288 है। यहां एक विधायक के वोट की वैल्यू 175 है। इस तरह कुल विधायकों के वोटों की वैल्यू 50400 है।
- पंजाब में विधायकों की संख्या 117 है। यहां एक विधायक के वोट की वैल्यू 116 है। इस तरह कुल विधायकों के वोटों की वैल्यू 13572 है।
- हरियाणा में विधायकों की संख्या 90 है। यहां एक विधायक के वोट की वैल्यू 112 है। इस तरह कुल विधायकों के वोटों की वैल्यू 10080 है।
- आंध्र प्रदेश में विधायकों की संख्या 175 है। यहां एक विधायक के वोट की वैल्यू 159 है। इस तरह कुल विधायकों के वोटों की वैल्यू 23825 है।
- दिल्ली में विधायकों की संख्या 70 है। यहां एक विधायक के वोट की वैल्यू 58 है। इस तरह कुल विधायकों के वोटों की वैल्यू 4060 है।
- तमिलनाडु में विधायकों की संख्या 234 है। यहां एक विधायक के वोट की वैल्यू 176 है। इस तरह कुल विधायकों के वोटों की वैल्यू 41184 है।
- केरल में विधायकों की संख्या 140 है। यहां एक विधायक के वोट की वैल्यू 152 है। इस तरह कुल विधायकों के वोटों की वैल्यू 21280 है।
- छत्तीसगढ़ में विधायकों की संख्या 90 है। यहां एक विधायक के वोट की वैल्यू 129 है। इस तरह कुल विधायकों के वोटों की वैल्यू 11610 है।
- झारखंड में विधायकों की संख्या 81 है। यहां एक विधायक के वोट की वैल्यू 176 है। इस तरह कुल विधायकों के वोटों की वैल्यू 14756 है।
- असम में विधायकों की संख्या 126 है। यहां एक विधायक के वोट की वैल्यू 116 है। इस तरह कुल विधायकों के वोटों की वैल्यू 14616 है।
- हिमाचल प्रदेश में विधायकों की संख्या 68 है। यहां एक विधायक के वोट की वैल्यू 51 है। इस तरह कुल विधायकों के वोटों की वैल्यू 3468 है।
- कर्नाटक में विधायकों की संख्या 224 है। यहां एक विधायक के वोट की वैल्यू 131 है। इस तरह कुल विधायकों के वोटों की वैल्यू 29344 है।
- तेलंगाना में विधायकों की संख्या 119 है। यहां एक विधायक के वोट की वैल्यू 132 है। इस तरह कुल विधायकों के वोटों की वैल्यू 15708 है।
- उत्तराखंड में विधायकों की संख्या 70 है। यहां एक विधायक के वोट की वैल्यू 64 है। इस तरह कुल विधायकों के वोटों की वैल्यू 4480 है।
क्या है बहुमत का आंकड़ा?
किसी भी उम्मीदवार को राष्ट्रपति बनने के लिए 543,216 वोटों की जरूरत होती है। ताज़ा राजनीतिक हालात के अनुसार NDA के पास कुल 533,751 से भी ज्यादा वोट हैं, क्योंकि अब झारखंड मुक्तिमोर्चा ने भी मुर्मू को अपना समर्थन दे दिया है, जबकि विपक्ष के खाते में 360,362 वोट ही नजर आ रहे हैं।
पिछले माह की 21 जून को विपक्ष के करीब 17-18 दलों ने यशवंत सिन्हा को अपना राष्ट्रपति उम्मीदवार बनाने का फैसला किया। उस वक्त शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने यशवंत सिन्हा को समर्थन देने का एलान किया था, लेकिन अब महाराष्ट्र में सत्ता बदलते ही तस्वीर बदल गई है। एकनाथ शिंदे के समर्थक अब भाजपा के साथ आ गए हैं। लिहाज़ा उनके वोट द्रौपदी मुर्मू को मिलेंगे। इस बीच उद्धव ठाकरे गुट के शिवसेना के बाकी विधायकों और सांसदों ने भी द्रौपदी मुर्मू का समर्थन देने के लिए दबाव बनाया। उद्धव ठाकरे के पास विधायकों की बात मानने के अलावा कोई और दूसरा रास्ता नहीं था। लिहाजा अब वो मुर्मू का समर्थन करेंगे।
महाराष्ट्र में सत्ता बदलने के बाद यशवंत सिन्हा की उम्मीदवारी और कमजोर हो गई है। जब भाजपा ने 18 जुलाई के चुनाव के लिए द्रौपदी मुर्मू को अपना उम्मीदवार घोषित किया, तो एनडीए बहुमत के आंकड़े से 13,000 वोट दूर थी। इसके बाद से अकाली दल, बसपा, तेदेपा, वाईएसआरसीपी और बीजेडी का समर्थन मिला और फिर झारखंड मुक्ति मोर्चा का भी समर्थन मिल गया। शिवसेना के पास 10.86 लाख वोटों में से 25,000 से अधिक वोट हैं।
यशवंत सिन्हा विपक्ष के उम्मीदवार साझा है, लेकिन विपक्ष की कई पार्टियों का उनको समर्थन में नहीं मिला हैं। मुख्य रूप से कांग्रेस, सपा, एनसीपी, टीएमसी, द्रमुक, टीआरएस उनके समर्थन में है। लेकिन विपक्ष के अन्य दल क्या करेंगे, तस्वीर फिलहाल साफ नहीं है। झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन भी मुर्मू को वोट करेंगे। इसके अलावा आम आदमी पार्टी ने भी रूख साफ नहीं किया है।