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मुरलीवाला स्टोन क्रेशर विवाद: बाजवा बंधुओं ने विधायक अरविन्द पाण्डेय पर लगाए गंभीर आरोप, न्याय न मिलने पर आत्मदाह की दी धमकी

काशीपुर, उत्तराखंड: आज, 8 जून 2025 को, गदरपुर स्थित मुरलीवाला स्टोन क्रेशर के साझेदार गुरपेज बाजवा, गुरविंदर बाजवा और बलविंदर बाजवा ने एक संयुक्त प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए गदरपुर विधायक अरविन्द पाण्डेय पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने विधायक द्वारा कल, 7 जून 2025 को की गई प्रेस वार्ता में स्टोन क्रेशर के एक अन्य पार्टनर, अनूप अग्रवाल का पक्ष लेने और उन पर लगाए गए आरोपों को “निराधार” बताए जाने पर गहरा रोष व्यक्त किया। बाजवा बंधुओं ने आरोप लगाया कि विधायक पाण्डेय अनूप अग्रवाल की धोखाधड़ी को जानते हुए भी उन्हें संरक्षण दे रहे हैं, और इस पूरे प्रकरण में उनकी भूमिका संदिग्ध है

गुरपेज बाजवा ने खुलासा किया कि मुरलीवाला स्टोन क्रेशर की स्थापना वर्ष 2016 में उनकी खुद की पुश्तैनी ज़मीन पर अनूप अग्रवाल के साथ मिलकर की गई थी। इस साझेदारी में बाजवा बंधुओं का हिस्सा 45% था, जबकि अनूप अग्रवाल 55% के हिस्सेदार थे। उन्होंने आरोप लगाया कि स्टोन क्रेशर लगने के बाद से ही अनूप अग्रवाल ने उनके साथ धोखाधड़ी शुरू कर दी थी। उन्हें स्टोन क्रेशर के लेनदेन, आय-व्यय या किसी भी प्रकार के वित्तीय विवरण की कोई जानकारी नहीं दी जाती थी। न ही कभी उनसे कोई सलाह ली जाती थी और न ही कभी कोई हिसाब दिया गया। उन्हें कभी कोई लाभ का हिस्सा भी नहीं मिला।

गुरविंदर बाजवा ने बताया कि कुछ समय पहले जब उन्होंने अनूप अग्रवाल पर हिसाब देने का दबाव बनाया, तो उन्होंने कहा कि “मेरे संबंध बड़े-बड़े नेताओं से हैं और मैंने तो कभी बड़े-बड़े नेताओं को भी हिसाब नहीं दिया, तुम क्या चीज, मैं तुम्हें मिटा कर रख दूंगा।” बाजवा बंधुओं ने यह भी आरोप लगाया कि अनूप अग्रवाल उन्हें जान से मारने की धमकियां भी देने लगे, जिसमें वे लगातार विधायक अरविन्द पाण्डेय और भगत सिंह कोश्यारी जैसे नेताओं के नाम का दुरुपयोग करते रहे।

35-36 करोड़ की धोखाधड़ी और पुलिस की बेबसी

इन धमकियों के बावजूद, बाजवा बंधुओं ने अपनी जांच-पड़ताल जारी रखी, जिसके परिणामस्वरूप उन्हें स्टोन क्रेशर में बड़े पैमाने पर धोखाधड़ी का पता चला। उनके अनुसार, यह धोखाधड़ी लगभग 35-36 करोड़ रुपये की है, जिसमें बैंक का कर्ज और अन्य लेनदारों की किश्तें आदि शामिल हैं। बलविंदर बाजवा ने आरोप लगाया कि जब उन्होंने फिर से हिसाब करने के लिए कहा, तो अनूप अग्रवाल द्वारा फिर से गदरपुर विधायक अरविंद पाण्डेय व पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी के नाम की धमकियाँ दी गई और बताया कि उस दिन से धमकियों भरे फ़ोन भी आते रहे हैं।

जब उन्हें अपनी जान-माल का खतरा महसूस हुआ, तो वे पुलिस के पास गए। हालांकि, उनके अनुसार, अनूप अग्रवाल ने विधायक अरविंद पाण्डेय और अन्य बड़े नेताओं का हवाला देकर पुलिस पर भारी दबाव बनवाया, जिसके कारण पुलिस ने भी उनकी कोई मदद नहीं की। उन्होंने कहा कि वे शासन-प्रशासन, चौकी, थाना, यहां तक कि एसएसपी उधमसिंहनगर जी के पास भी गए, लेकिन कहीं भी उनकी सुनवाई नहीं हुई। उनका सीधा आरोप है कि पुलिस पर अनूप अग्रवाल ने इन्हीं नेताओं का दबाव बनवाया, जिस कारण शासन-प्रशासन हमारी मदद करने को तैयार नहीं हुआ।

बैंकों का दबाव और अनूप अग्रवाल का रहस्यमय ढंग से फरार होना

बाजवा बंधुओं ने बताया कि अनूप अग्रवाल ने बैंकों से बड़ी मात्रा में ऋण लिए थे, जिनकी किश्तें नहीं लौटाईं। इसके परिणामस्वरूप, बैंकों द्वारा उनकी संपत्ति को कुर्क करने के नोटिस चस्पा किए गए। जैसे ही ये नोटिस चस्पा हुए, अनूप अग्रवाल बिना कुछ बताए रहस्यमय ढंग से फरार हो गए। अब जितने भी लेनदार, बैंक और बिजली विभाग सहित सभी प्रकार के लेनदार उनके पास आना शुरू हो गए हैं। गुरपेज बाजवा ने भावुक होकर कहा कि अब उनके पास जो कुछ भी संपत्ति बची है, वह भी बिकने की कगार पर है और अनूप अग्रवाल ने उन्हें पूरी तरह बर्बाद कर दिया है।

प्रेस वार्ता के अंत में, बाजवा बंधुओं ने विधायक  अरविंद पाण्डेय की भूमिका पर गंभीर सवाल उठाते हुए कहा, “यदि अनूप अग्रवाल इतना ही ठीक और सच्चा है, तो भाग क्यों रहा है? आकर हमारे पास बैठकर हिसाब क्यों नहीं करता?” उन्होंने विधायक पाण्डेय से एक बेबस अपील करते हुए कहा कि “अब अरविंद पाण्डेय जी ही हमारा फैसला कराएं, क्योंकि वह हमारे भी नेता हैं।” हालांकि, इस अपील में भी उनकी पीड़ा और विधायक के प्रति अविश्वास साफ झलक रहा था। उन्होंने कहा, “वह जहां बुलाएंगे, हम पंचायत में आने को तैयार हैं,” लेकिन यह भी इंगित किया कि विधायक पाण्डेय स्वयं अनूप अग्रवाल के पक्ष में खड़े होकर न्याय के मार्ग में बाधा उत्पन्न कर रहे हैं।

बाजवा बंधुओं ने यह भी चेतावनी दी कि यदि उन्हें न्याय नहीं मिला, तो वे आत्मदाह करने पर विवश होंगे। यह प्रेस वार्ता गदरपुर में एक बड़े विवाद का संकेत दे रही है, जिसमें राजनीतिक संरक्षण, बड़े पैमाने पर वित्तीय धोखाधड़ी और न्याय प्रणाली पर दबाव के गंभीर आरोप शामिल हैं। क्या विधायक अरविन्द पाण्डेय बाजवा बंधुओं के आरोपों का जवाब देंगे, और क्या इस मामले में कोई निष्पक्ष जांच हो पाएगी? यह देखना महत्वपूर्ण होगा।

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Manish Kashyap
Manish Kashyap
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