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ChardhamYatra2025: बाबा केदारनाथ धाम के सुबह 7:00 बजे विधि विधान के साथ श्रद्धालुओं के लिए खुले कपाट

केदारनाथ धाम के कपाट आज सुबह विधि विधान के साथ खोल दिए गए.. कपाट खुलते ही भक्तों ने मंदिर के अंदर जलती अंखड ज्योति के दर्शन किए… इसके बाद रुद्राभिषेक, शिवाष्टक, शिव तांडव स्तोत्र और केदाराष्टक के मंत्रों का जाप किया गया…

केदारनाथ धाम के कपाट खुले:रुद्राभिषेक, शिव तांडव स्तोत्र का पाठ किया गया..

केदारनाथ मंदिर को करीब 13 क्विंटल फूलों से गुजरात और बंगाल के कलाकारों ने सजाया है..

केदारनाथ मंदिर को करीब 13 क्विंटल फूलों से गुजरात और बंगाल के कलाकारों ने सजाया है..

केदारनाथ धाम के कपाट शुक्रवार यानि आज सुबह खोल दिए गए.. कपाट खुलते ही भक्तों ने मंदिर के अंदर जलती अंखड ज्योति के दर्शन किए..इसके बाद रुद्राभिषेक, शिवाष्टक, शिव तांडव स्तोत्र और केदाराष्टक के मंत्रों का जाप किया गया।

मंदिर में सबसे पहले कर्नाटक के वीरशैव लिंगायत समुदाय के मुख्य रावल भीमशंकर पहुंचे..इसके बाद बाबा पर 6 महीने पहले चढ़ाया गया भीष्म शृंगार हटाया गया। दैनिक भास्कर एप पर आप केदारनाथ धाम के लाइव दर्शन कर सकते हैं..

 

2500 लोग इस वक्त धाम में मौजूद हैं..भीड़ मैनेज करने के लिए टोकन सिस्टम से दर्शन करवाए जा रहे हैं.. भक्त अब अगले 6 महीने तक दर्शन कर सकेंगे..

जून से अगस्त के बीच मौसम ठीक रहा तो इस बार 25 लाख से ज्यादा लोगों के केदारनाथ धाम पहुंचने का अनुमान है..

30 अप्रैल (अक्षय तृतीया) से चारधाम यात्रा शुरू हो चुकी है.. गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट खुल गए हैं…बद्रीनाथ धाम के कपाट 4 मई को खोले जाएंगे…

“क्या है बाबा का भीष्म शृंगार, जिसे करने में 5 घंटे लगते हैं..”

पट खुलने के बाद भीष्म शृंगार हटाया जाएगा। यह प्रक्रिया भी दिलचस्प है। सबसे पहले शिवलिंग के पास रखे गए मौसमी फल और ड्राई फ्रूट्स का ढेर हटाते हैं। इसे आर्घा कहते हैं।

फिर बाबा पर चढ़ी एक से लेकर 12 मुखी रुद्राक्ष की मालाएं निकालते हैं। इसके बाद शिवलिंग पर चारों ओर लपेटा गया सफेद कॉटन का कपड़ा हटाया जाता है।

पट बंद करते समय शिवलिंग पर 6 लीटर पिघले हुए शुद्ध घी का लेपन करते हैं, जो इस वक्त जमा होता है, इसे धीरे-धीरे शिवलिंग से निकालते हैं।

इसके बाद होता है शिवलिंग का गंगा स्नान। गोमूत्र, दूध, शहद और पंचामृत स्नान के बाद बाबा केदार को नए फूलों, भस्म लेप और चंदन का तिलक लगाकर तैयार किया जाएगा।

कपाट बंद करते समय भीष्म शृंगार में करीब 5 घंटे लग जाते हैं, लेकिन कपाट खोलते वक्त आधे घंटे में इसे हटा दिया जाता है।

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Manish Kashyap
Manish Kashyap
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