नई दिल्ली. दो साल बाद के आम चुनावों का सेमीफाइनल माने जा रहे आजमगढ़ व रामपुर लोकसभा उपचुनाव में भाजपा ने रविवार को जीत का परचम लहरा दिया। उत्तर प्रदेश की ये दोनों सीटें समाजवादी पार्टी के खाते में थीं।
अखिलेश यादव की सीट रही आजमगढ़ पर दिनेश लाल यादव निरहुआ ने जीत दर्ज की, तो आजम खान की रामपुर सीट पर घनश्याम सिंह लोधी ने बाजी मारी। उधर, पंजाब की संगरूर लोकसभा सीट पर आम आदमी पार्टी को हार का सामना करना पड़ा। शुरू से ही मुद्दों को लेकर मुखर दिख रहे शिरोमणि अकाली दल (अमृतसर) के उम्मीदवार सिमरनजीत सिंह मान ने आम आदमी पार्टी (आप पार्टी) के गुरमेल सिंह को सात हजार वोटों से हरा दिया। उत्तर प्रदेश के नतीजे सपा के लिए निराशाजनक हैं। भाजपा की इस जीत से योगी आदित्यनाथ ने अखिलेश यादव से चार साल पुराना हिसाब चुकता कर लिया है।
चार साल पहले योगी आदित्यनाथ की ओर से खाली की गई इस सीट पर अखिलेश यादव ने जीत हासिल की थी। पिछले विधानसभा चुनाव में निर्वाचित होने के बाद अखिलेश और सपा नेता आजम खान ने क्रमश: आजमगढ़ और रामपुर से सांसद के तौर पर इस्तीफा दे दिया था। आम आदमी पार्टी की दो राज्यों में सरकार है, लेकिन लोकसभा में उसका एक भी सांसद नहीं है। पहले उसके एकमात्र लोकसभा सांसद भगवंत मान थे, जिन्होंने पंजाब का मुख्यमंत्री बनने पर संगरूर सीट से इस्तीफा दे दिया था। राज्यसभा में आप के 8 सांसद हैं।
मान को मान से करारा झटका
कांग्रेस और अकाली दल समेत कई राजनीतिक दलों का सूपड़ा साफ कर आम आदमी पार्टी ने जिस तरह विधानसभा चुनावों में सफलता हासिल कर पंजाब में सरकार बनाई थी, उसे देखकर माना जा रहा था कि पूर्व में भगवंत मान की रही संगरूर लोस सीट पर पार्टी आसानी से जीत जाएगी। लेकिन सिमरनजीत सिंह मान ने जीत हासिल कर उसकी उम्मीदों पर पानी फेर दिया। सिमरनजीत दो बार सांसद और पूर्व आइपीएस अधिकारी रह चुके हैं। वर्ष 1984 में दिल्ली में सिख विरोधी दंगों के खिलाफ उन्होंने नौकरी से इस्तीफा दे दिया था।