हरिद्वार। जिला कारागार में 36 कैदियों में कोरोना मिलने से जेल प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग आमने-सामने आ गए हैं। जेल प्रशासन का दावा है कि जेल में हेपेटाइटिस बी का शिविर लगाकर बिना बताए कैदियों की कोरोना जांच की गई। इस पर जेल प्रशासन ने आपत्ति जताई है। साथ ही दावा किया है कि जिन कैदियों को कोरोना संक्रमित बताया गया है, उनमें कोरोना के कोई लक्षण नहीं है।
जिला कारागार रोशनाबाद के 36 कैदियों में कोरोना संक्रमण की बात सामने आने से जेल प्रशासन में हड़कंप मच गया। स्वास्थ्य विभाग ने जेल प्रशासन के साथ-साथ अपने आंकड़ों में भी कैदियों के संक्रमित होने का जिक्र किया है। वहीं, जेल प्रशासन ने इससे अनभिज्ञता जताते हुए ठीक उलट दावा किया है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी से आपत्ति भी जताई गई है।
जेल के वरिष्ठ अधीक्षक मनोज आर्य का कहना है कि मंगलवार को स्वास्थ्य विभाग ने जेल में हेपेटाइटिस बी का शिविर लगाया था। जिसमें हेपेटाइटिस की जांच के लिए कैदियों के खून के नमूने लिए गए थे। बाद में 36 कैदियों के कोरोना संक्रमित होने की जानकारी दी गई। मनोज आर्य का कहना है कि इनमें किसी भी कैदी में कोरोना जैसे लक्षण नहीं है। यह आईसीएमआर की गाइड लाइन का उल्लंघन है। कोरोना जांच केवल उन्हीं व्यक्ति की हो सकती है, जिनमें कोरोना के लक्षण दिखाई दें। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से बात कर इस पर आपत्ति जताई गई है।