एसएसपी मणिकांत मिश्रा के कुशल निर्देशन में ब्लैकमेलिंग और धोखाधड़ी का हुआ बड़ा खुलासा, अलग–अलग तरीके अपनाकर बड़े स्तर पर ठगने वाली शातिर अभियुक्ता गिरफ्तार
आज दिनांक 07/06/2025 को एसएसपी ऊधमसिंहनगर मणिकांत मिश्रा के कुशल निर्देशन में रुद्रपुर पुलिस ने एक बड़े ब्लैकमेलिंग और धोखाधड़ी रैकेट का पर्दाफाश करते हुए एक शातिर महिला को गिरफ्तार किया है। यह महिला विभिन्न पहचानों और तरीकों का इस्तेमाल कर लोगों को ठगने का काम करती थी। गिरफ्तार महिला की पहचान हीना रावत पुत्री बलवंत सिंह निवासी खरमासा कुंडेश्वरी, थाना काशीपुर के रूप में हुई है।
जानकारी के अनुसार बताते चले कि दीपक कक्कड़ पुत्र स्व. ओम प्रकाश कक्कड़ निवासी बसुंधरा फेस 1, भूरारानी रोड, रुद्रपुर से एक लिखित शिकायत मिली थी। दीपक कक्कड़ ने बताया कि एक महिला, जिसने अपना नाम अंकिता शर्मा बताया और खुद को हाईकोर्ट का एडवोकेट बताया, व्हाट्सएप चैटिंग के जरिए धीरे-धीरे उसे अपने प्रेम जाल में फंसा लिया और धोखाधड़ी से उससे पांच लाख रुपये हड़प लिए। इसके बाद, महिला ने विवाह का नाटक कर दीपक के घर पर रहना शुरू कर दिया।
घर में रहने के दौरान, अंकिता शर्मा उर्फ हीना रावत ने दीपक कक्कड़ को तरह-तरह से प्रताड़ित करना शुरू कर दिया और उससे 30 लाख रुपये की मांग करने लगी। पैसे न देने पर वह दीपक का मर्डर करने या स्वयं आत्महत्या कर उसे और उसके परिवार को झूठे मुकदमे में फंसाने की धमकी देने लगी।
दीपक को महिला पर शक होने पर जब उसने उसके बारे में जानकारी की, तो उसे पता चला कि उक्त महिला का सही नाम हीना रावत पुत्री बलवंत सिंह निवासी खरमासा कुंडेश्वरी, थाना काशीपुर है। वह पहले से शादीशुदा है और लोगों को प्रेम जाल में फंसाकर बलात्कार आदि का झूठा आरोप लगाकर ब्लैकमेल कर पैसे ऐंठने का काम करती है।
*अभियुक्ता की गिरफ्तारी और बरामदगी*
इस गंभीर अपराध की संवेदनशीलता को देखते हुए, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक महोदय ने अभियोग के शीघ्र खुलासे के निर्देश दिए। घटना के अनावरण में लगी टीम ने अभियुक्ता हीना रावत पुत्री बलवंत सिंह निवासी खरमासा कुंडेश्वरी, थाना काशीपुर को 6/7 जून 2025 की देर रात्रि में उदय होटल के पास से गिरफ्तार किया। गिरफ्तारी के दौरान अभियुक्ता के पास से वादी मुकदमा से फिरौती के 50 हजार रुपये की नकदी और एक फर्जी आधार कार्ड बरामद हुआ।
*पूछताछ में हुए चौंकाने वाले खुलासे*
पूछताछ में अभियुक्ता ने बताया कि उसके विरुद्ध उत्तर प्रदेश एवं उत्तराखंड के अलग-अलग थानों में कई मुकदमे पंजीकृत हैं। वह इन मुकदमों से बचने के लिए विदेश भागना चाहती थी। अभियुक्त को विदेश भागने के लिए 30 लाख रुपये की जरूरत थी, इसीलिए उसने दीपक को अपने झूठे प्रेमजाल में फंसाया व तरह-तरह से प्रताड़ित करना शुरू कर दिया। पैसे न मिलने पर वह दीपक का मर्डर करने तथा स्वयं आत्महत्या कर उसे व उसके परिवार को फंसाने की धमकी देती थी। आज वह दीपक पर दबाव डालकर फिरौती की 50 हजार रुपये की रकम ले ही रही थी कि पुलिस ने उसे दबोच लिया।
*हीना रावत उर्फ निकिता उर्फ अंकिता ब्लैकमेलिंग और ठगी के विभिन्न तरीके*
हीना रावत अपने शिकार को फंसाने के लिए कई तरह के हथकंडे अपनाती थी, जैसा कि उसके आपराधिक इतिहास और पुलिस पूछताछ से पता चला है:
*बिजनेसमैन बनकर ठगी:*
हीना रावत कभी खुद को एक सफल बिजनेसमैन बताती थी। वह नए व्यवसायों में निवेश का झांसा देकर या साझेदारी की पेशकश करके लोगों को अपने जाल में फंसाती थी। वह आकर्षक व्यापारिक सौदों का लालच देकर उनसे मोटी रकम ऐंठ लेती थी, जिसके बाद वह गायब हो जाती थी।
*रजनीगंधा ब्रांड की ब्रांड एंबेसडर बनकर ठगी:*
यह अभियुक्ता कभी खुद को प्रसिद्ध “रजनीगंधा” ब्रांड की ब्रांड एंबेसडर के रूप में प्रस्तुत करती थी। वह ग्लैमर और ऊंचे संपर्कों का ढोंग करके लोगों को प्रभावित करती थी। इस पहचान का उपयोग करके वह उनसे विज्ञापन या इवेंट के नाम पर पैसे वसूलती थी, जिसके बाद वह संपर्क तोड़ देती थी।
*कॉन्ट्रैक्टर बनकर लूट:*
हीना रावत ठेकेदार बनकर भी लोगों को लूटती थी। वह सरकारी या निजी परियोजनाओं के लिए बड़े-बड़े कॉन्ट्रैक्ट दिलाने का वादा करती थी। प्रोजेक्ट शुरू करने या टेंडर दिलाने के नाम पर वह सिक्योरिटी डिपॉजिट या अग्रिम भुगतान के रूप में मोटी रकम वसूल लेती थी।
*हाईकोर्ट के काम और बड़े अपराधियों से साठगांठ:*
यह महिला खुद को हाईकोर्ट का एडवोकेट बताकर लोगों को ठगती थी। वह नामी वकीलों के नाम का इस्तेमाल करके कोर्ट के कामों को निपटाने का झांसा देती थी। इसके अलावा, वह बड़े-बड़े अपराधियों से साठगांठ करके उन्हें कानूनी पचड़ों से निकालने के नाम पर पैसे ऐंठती थी। वह आपराधिक मामलों में रियायत दिलाने या जमानत दिलवाने का झूठा आश्वासन देकर भारी भरकम शुल्क वसूलती थी।
*मैट्रिमोनियल साइटों के माध्यम से अविवाहित बनकर ब्लैकमेलिंग:*
हीना रावत मैट्रिमोनियल साइटों पर खुद को अविवाहित और योग्य दुल्हन के रूप में पेश करती थी। वह लोगों को प्रेम जाल में फंसाकर शादी करती थी और फिर उन्हें बलात्कार के झूठे मुकदमे में फंसाकर मोटी रकम ऐंठती थी। उसके कई पूर्व के मामले इसी modus operandi से जुड़े हैं।
*अलग-अलग मोबाइल फोन्स तथा सिम कार्डों का इस्तेमाल:*
अपनी पहचान छिपाने और पुलिस से बचने के लिए हीना रावत लगातार अलग-अलग मोबाइल फोन और सिम कार्ड का इस्तेमाल करती थी। यह उसके खिलाफ दर्ज कई मुकदमों में जांच को और अधिक जटिल बनाता था।
*लोक-लिहाज के कारण कई पीड़ितों की चुप्पी:*
पुलिस का मानना है कि हीना रावत के आकर्षक व्यक्तित्व और प्रभावशाली दिखावे के कारण बहुत से लोग उसके खिलाफ शिकायत दर्ज कराने से कतराते थे। सामाजिक प्रतिष्ठा और बदनामी के डर से कई पीड़ित अपनी ठगी या ब्लैकमेलिंग का शिकार होने के बावजूद चुप्पी साधे रहते थे, जिससे उसे और अधिक लोगों को ठगने का मौका मिलता था।