रुद्रपुर: अपने कारनामों से हमेशा सुर्खियों में रहने वाले छोटे कद का शातिर डॉक्टर तैमूर लंग के नाम से मशहूर का अस्पताल फिर बना मौत का सौदागर, सिविल लाइन स्थित कृष्ण हॉस्पिटल एक बार फिर विवादों में घिर गया है.. ताजा मामला अस्पताल की लापरवाही से एक गर्भवती महिला की मौत का है.. मृतक महिला के परिजनों का आरोप है कि डॉक्टर और स्टाफ की लापरवाही ने उनकी जान ली.. बताया गया कि डिलीवरी के बाद महिला स्वस्थ थी और नवजात भी सुरक्षित था, लेकिन डॉक्टरों और नर्सिंग स्टाफ द्वारा उचित इलाज न करने के कारण महिला की तबीयत बिगड़ती चली गई.. जब डॉक्टर को बुलाने की कोशिश की गई, तो कई घंटे तक कोई उपचार उपलब्ध नहीं कराया गया.. इसी बीच, स्टाफ द्वारा लगाए गए एक इंजेक्शन ने स्थिति और बिगाड़ दी, जिसके बाद महिला की मौत हो गई..
महिला की मौत के बाद अस्पताल में परिजनों ने जमकर हंगामा किया.. परिजनों ने आरोप लगाया कि इंजेक्शन लगाने के बाद महिला के मुंह से झाग आने लगे थे और कुछ ही समय में उसकी मौत हो गई.. घटना के बाद गुस्साए परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन और डॉक्टरों पर गंभीर आरोप लगाए। इस हंगामे की सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची और स्थिति को संभालने का प्रयास किया.. परिजनों की शिकायत पर पुलिस मामले की जांच में जुटी है..
यह पहली बार नहीं है जब कृष्णा हॉस्पिटल विवादों में आया हो.. इससे पहले भी अस्पताल पर नियमों के उल्लंघन के आरोप लग चुके हैं.. खासतौर पर फायर विभाग की NOC (नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट) के बिना अस्पताल चलाए जाने का मुद्दा लंबे समय से उठ रहा है.. अग्निशमन विभाग द्वारा अस्पतालों को सुरक्षा मानकों की जांच के बाद ही एनओसी दी जाती है, लेकिन कृष्ण हॉस्पिटल बिना इस प्रमाणपत्र के संचालित हो रहा है.. इसके बावजूद, प्रशासन की ओर से इस पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है..
कृष्ण हॉस्पिटल पर मरीजों की सुरक्षा को लेकर सवाल उठते रहे हैं.. लगातार हो रही घटनाओं के बावजूद जिम्मेदार विभागों की चुप्पी पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं.. यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि नियमों की अनदेखी कर संचालित ऐसे अस्पतालों में मरीजों की जान खतरे में पड़ रही है.. इस घटना ने प्रशासनिक लापरवाही और अस्पताल की कार्यप्रणाली पर गंभीर प्रश्नचिन्ह खड़े कर दिए हैं, जिससे पीड़ित परिवारों के साथ-साथ आम जनता का भी गुस्सा बढ़ता जा रहा है।