प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने शनिवार को कार्वी स्टॉक ब्रोकिंग लिमिटेड घोटाले में संपत्ति कुर्क करने की कार्रवाई की है। इस दौरान ED ने 110 करोड़ रुपए से अधिक की संपत्ति जब्त की है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार इससे पहले प्रवर्तन निदेशालय (ED) इसी मामले में 1984.84 करोड़ रुपए की संपत्ति जब्त कर चुका है। कार्वी स्टॉक ब्रोकिंग लिमिटेड के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का मामला हैदराबाद पुलिस ने लोन देने वाले बैंकों की शिकायतों पर दर्ज किया था।
इस मामले में कार्वी स्टॉक ब्रोकिंग लिमिटेड पर आरोप लगाया गया था कि कार्वी ग्रुप ने अपने ग्राहकों के 2,800 करोड़ रुपए के शेयर को अवैध रूप से गिरवी रखकर बड़ी मात्रा में लोन लिया था। इसकी जांच के लिए ED ने पिछले साल हैदराबाद सहित देशभर के कई स्थानों में छापेमारी की थी, जिसमें ED को कई अहम सबूत हाथ लगे थे।
इस मामले में कार्वी स्टॉक ब्रोकिंग लिमिटेड पर आरोप लगाया गया था कि कार्वी ग्रुप ने अपने ग्राहकों के 2,800 करोड़ रुपए के शेयर को अवैध रूप से गिरवी रखकर बड़ी मात्रा में लोन लिया था। इसकी जांच के लिए ED ने पिछले साल हैदराबाद सहित देशभर के कई स्थानों में छापेमारी की थी, जिसमें ED को कई अहम सबूत हाथ लगे थे।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार कार्वी स्टॉक ब्रोकिंग लिमिटेड का घोटाला 2019 में सामने आया था, उस समय यह लाखों ग्राहकों के साथ देश के अग्रणी स्टॉक ब्रोकरों में से एक था। इस घोटाले के सामने आने के बाद खुलासा हुआ था कि “कार्वी” ने ग्राहकों के शेयर्स को गिरवी रखकर पैसे जुटाए, जिसे उसने खुद के 6 बैंकों में ट्रांसफर किए।
इसके साथ ही ED ने पोंजी घोटाला मामले में कटक के पूर्व विधायक प्रवत रंजन बिसवाल से धन शोधन निवारण अधिनियम 2002 के तहत 3,92,20,000 रुपए की चल व अचल संपत्ति कुर्क कर ली है। यह घोटाला भी 2019 में सामने आया था, जिसमें आरोपी ASI ने बेंगलूरु में अपने घर पर आत्महत्या कर ली थी। ASI का नाम विजय शंकर था, जिन्हें इस घोटाले में आरोपी बनाए जाने के बाद निलंबित कर दिया गया था।