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Wednesday, December 11, 2024

उत्तराखंड, मध्य प्रदेश में भारी बारिश से यूपी के 20 जिलों में बाढ़, गंगा, यमुना, सरयू खतरे के निशान तक

उत्तर प्रदेश में कई जिले भले ही सूखे की मार झेल रहे हों, लेकिन पहाड़ी इलाकों में हो रही बारिश का असर अब प्रदेश के मैदानी इलाकों में भी देखने को मिल रहा है। जिसमें उत्तराखंड और मध्य प्रदेश की तेज बारिश की वजह से अब यूपी की नदियों का जलस्तर बढ़ने लगा है। अधिक बारिश के कारण हरिद्वार, नरेरा और कानपुर बंधों से अतिरिक्त पानी छोड़ा गया है। जिसकी वजह से गंगा नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। साथ ही यमुना भी उफान पर है। यहां प्रतिघंटा चार सेंटीमीटर की रफ्तार से जलस्तर बढ़ रहा है। उधर, नेपाल और तराई इलाकों में सरयू का जलस्तर बढ़कर खतरे की निशान पर आ गया है।

उत्तरखंड और मध्य प्रदेश में हो रही तेज बारिश की वजह से अब उत्तर प्रदेश के 20 जिलों में तेजी से बाढ़ का खतरा बढ़ रहा है। गंगा, यमुना, सरयू, टोंस जैसी प्रमुख नदियों का जलस्तर बढ्ने से लाखों लोग बेघर होने की कगार पर हैं। नदियों का जलस्तर बढ़ने से तटीय क्षेत्रों में अलर्ट जारी किया गया है। पूर्वांचल के पांच मंडल के 20 जिलों में अलर्ट जारी किया गया है। दूसरे प्रदेशों में हो रही लगातार बारिश की वजह से गंगा-यमुना नदियों में जलस्तर तेजी में साथ बढ़ रहा है।मध्य प्रदेश में भारी बारिश होने की वजह से गंगा, टोंस और बेलन नदियों का जलस्तर तेज रफ्तार से बढ़ रहा है। अब गंगा-यमुना का भी जलस्तर तेज रफ्तार से बढ़ रहा है। प्रयागराज सिंचाई बाढ़ नियंत्रण के जानकारी के अनुसार, बुधवार रात 8 बजे तक फाफामऊ में गंगा का जलस्तर 78.09 पहुंच गया। जबकि मंगलवार को यह 77.19 था। छतनाग में जल स्तर 71.50 मीटर नापा गया। नैनी में यमुना नदी का जलस्तर 77.64 मीटर दर्ज हुआ, जो कि मंगलवार को 76.85 सेंटीमीटर था।नदियों में जलस्तर में बढ़ोत्तरी को लेकर बाढ़ नियंत्रण विभाग और जिला प्रशासन की टीम निगरानी में लग गई है। निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को एहतियात बरतने को कहा गया है। गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के त्रिवेणी संगम पर जलस्तर बढ़ने के बाद तीर्थ पुरोहित अपने तख़्त सामान समेटकर पीछे आने लगे हैं। इसके साथ ही दुकान लगाने वाले दुकानदार भी पीछे हटने लगे हैं। पानी बढ़ने से कई घाट डूब गए हैं।सरयू नदी का पानी खतरे के निशान से महज एक सेंटीमीटर दूर है। गुरुवार को सरयू का जलस्तर 92.730 खतरे के निशान से एक सेंटीमीटर नीचे 91.32 दर्ज किया गया। वहां बाढ़ का संकट गहराया है। गुरुवार सुबह 8 बजे तक करीब 2,69,842 क्यूसेक पानी छोड़ा गया, जिसके कारण सरयू का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है।

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Manish Kashyap
Manish Kashyap
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