अमरनाथ गुफा के पास दो दिन पहले बादल फटने की घटना के बाद जम्मू कश्मीर प्रशासन ने अब बड़ा फैसला किया है। प्रशासन ने अमरनाथ यात्रा अस्थायी रूप से रोक दी है। वहीं, हादसे के बाद राहत और बचाव कार्यों को लेकर जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल ने उच्चस्तरीय बैठक की। इसमें कई अहम फैसले लिए गए। गुफा के ऊपर की तरफ हवाई सर्वे करने का निर्देश और बाढ़ के रास्ते से टेंट हटाने के लिए कहा गया है। अब वहां मौजूद श्रद्धालुओं को यात्रा शुरू करने के इंतजार करना होगा। बादल फटने की घटना के बाद अमरनाथ गुफा मंदिर के पास बचाव अभियान रात भर जारी रहा, बचाव दल को घटनास्थल से सभी लापता लोगों को निकालने के लिए व्यापक सेवा में लगाया गया।
बादल फटने की घटना के बाद अमरनाथ गुफा मंदिर के पास राहत और बचाव कार्यों को लेकर जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने उच्चस्तरीय बैठक की। इस मीटिंग में मनोज सिन्हा नेकई अहम फैसले लिए गए। उपराज्यपाल ने गुफा के ऊपर की तरफ हवाई सर्वे करने का निर्देश दिया है। रास्ते कोई और ऐसी झील वगैरह या खतरा तो नहीं है। इसके साथ ही फ्लैश फ्लड के संभावित रास्ते में आने वाले टेंटों को शिफ्ट करने को भी कहा गया है।
Mi-17V5 और चीतल हेलीकॉप्टर तैनात
IAF के एक प्रवक्ता ने पीटीआई को बताया कि अमरनाथ हादसे के लिए बचाव और राहत प्रयासों के लिए चार Mi-17V5 और चार चीतल हेलीकॉप्टर तैनात किए गए हैं। उन्होंने कहा कि चीतल हेलीकॉप्टरों ने 45 उड़ानें भरी हैं। पवित्र गुफा से 45 बचे लोगों को निकालते हुए पांच एनडीआरएफ और सेना के जवानों और 3.5 टन राहत सामग्री को शामिल किया है।