ब्रिटेन में महाराष्ट्र की तरह ही सियासी संकट देखने को मिल रहा है। यहाँ उद्धव ठाकरे की शिवसेना की तरह ही बोरिस जॉनसन की कंजर्वेटिव पार्टी में बगावत देखने को मिल रही है। अब तक 40 से अधिक मंत्री अपने पद से इस्तीफा दे चुके हैं। ऐसे में चारों तरफ से घिर चुके पीएम बोरिस जॉनसन को उद्धव ठाकरे की तरह अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा है। ये इस्तीफा कई महीनों के विवाद के बाद सामने आया है। आज इस रिपोर्ट में बताएंगे कि आखिर वो कौन सी एक गलती जॉनसन को भारी पड़ी। सामने आ रही जानकारी के अनुसार जल्द ही पार्टी की कॉन्फ्रेंस होगी, जिसमें नया प्रधानमंत्री चुना जाएगा तब तक बोरिस जॉनसन इस पद को संभालेंगे।
गौरतलब है कि मंगलवार को ही सरकार के दो वरिष्ठ नेताओं द्वारा इस्तीफा दिए जाने के बाद से अन्य मंत्रियों के इस्तीफे की बारिश शुरू हो गई थी। इसके बाद ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन पर पद से हटने का दबाव बढ़ने लगा था। बता दें कि मंत्रिमंडल और पार्टी में जो बगवात बोरिस जॉनसन को देखने को मिल रही है उसके पीछे उनके द्वारा लिया गया ‘एक फैसला’ है।
बोरिस जॉनसन के एक गलत फैसले के कारण गई कुर्सी
दरअसल, बोरिस जॉनसन द्वारा सांसद क्रिस पिंचर की पार्टी के डेप्यूटी चीफ व्हिप ऑफिसर की नियुक्ति करना ही उनके गले की फंस बन गया। क्रिस पिंचर उनके करीबी माने जाते हैं लेकिन पिंचर पर कई गंभीर आरोप हैं। इस नियुक्ति के बाद से पार्टी के नेता उनसे नाराज चल रहे थे। ये नाराजगी उस सेक्स स्कैंडल से उपजा जिसमें क्रिस पिंचर की भूमिका सामने आई।
30 जून को ब्रिटेन के न्यूजपेपर ‘द सन’ ने एक रिपोर्ट में दावा किया था कि सत्ताधारी कंज़र्वेटिव पार्टी के सांसद क्रिस पिंचर ने लंदन के एक प्राइवेट क्लब में दो मर्दों को आपत्तिजनक तरीके से छुआ था। इस रिपोर्ट के सामने आने के बाद पिंचर को पार्टी के डिप्टी चीफ़ व्हिप पद से इस्तीफा देना पड़ा था। इसके बाद कुछ ऐसी खबरें भी सामने आई जिसमें पिंचर पर कथित तौर पर यौन दुर्व्यवहार के भी कम से कम 6 मामले रिपोर्ट किये गए। इसके बाद पार्टी से भी पिंचर को सस्पेंड कर दिया गया। हालांकि, पिंचर ने माफी मांगी और जांच में पूरा सहयोग करने की बात कही।
सेक्स स्कैंडल मामले में बोरिस जॉनसन की अप्रत्यक्ष भूमिका पर भी सवाल उठे हैं। उनपर आरोप लगे थे कि उन्हें पिंचर के ऊपर लगे आरोपों की जानकारी थी, लेकिन इसके बावजूद उन्होंने पिंचर को रोकना उचित नहीं समझा। बोरिस जॉनसन ने मीडिया से बातचीत में कहा भी था कि उनके पास शिकायत आई थी, लेकिन उनसे गलती हो गई कि उस समय कोई एक्शन नहीं लिया। उन्होंने अपनी गलती के लिए माफी भी मांगी, लेकिन ये बवाल और बढ़ता चला गया। केवल 2-4 दिनों के अंदर ही उनके मंत्रियों ने इसके विरोध में इस्तीफा देना शुरू कर दिया।
ब्रिटेन के वित्त मंत्री ऋषि सुनक ने जब अपने पद से इस्तीफा देते हुए कहा था, ‘ब्रिटेन की जनता उम्मीद करती है कि सरकार सही, योग्य और गंभीर तरीक़े से काम करे।’ वहीं, स्वास्थ्य मंत्री साजिद जाविद ने इस्तीफा देते समय सरकार पर सही ढंग से काम न करने के आरोप लगाए थे। इसके बाद पार्टी के कई मंत्री जॉनसन का साथ छोड़ते चले गए। अब बोरिस जॉनसन को दबाव के कारण अपना पद छोड़ना पड़ा है। आज वो मीडिया से इस संबंध में बातचीत भी कर सकते हैं।