उदयपुर में कन्हैयालाल की हत्या के बारे में लगातार नए खुलासे हो रहे हैं। बताया जा रहा है कि दोनों हत्यारोपी ऐसे व्हाट्सग्रुप में जुड़े थे जिनसे पाकिस्तान के कुछ लोग भी जुड़े हुए थे। यही नहीं बताया जा रहा है कि हत्यारों को भीड़ से बचाने के लिए बैकअप प्लान भी तैयार किया था। कोई प्रूफ न छूट जाए इसलिए हत्यारोपियों ने पहले CCTV का तार काटा था। यही वजह है कि हत्याकांड के बाद जब उदयपुर की पुलिस ने सीसीटीवी चेक किया है तो तो रिकॉर्डिंग में कुछ भी नहीं दिखा है। टेलरिंग कर अपनी जीवन बसर करने वाले कन्हैयालाल (Kanhaiya Lal) की हत्या के मामले में एक और बड़ा खुलासा हुआ है। अब जानकारी सामने आई है कि कन्हैयालाल ने अपनी दुकान में मर्डर से एक हफ्ता पहले ही सीसीटीवी लगवाया था लेकिन पूरी तैयारी के साथ हत्या करने आए जालिमों ने हत्या से पहले सीसीटीवी का तार ही काट दिया था। यही वजह है कि हत्याकांड के बाद जब उदयपुर पुलिस सीसीटीवी चेक किया गया तो रिकॉर्डिंग में कुछ नहीं दिखा।
कन्हैयालाल (Kanhaiya Lal) की मंगलवार दोपहर को दो रेडिकल इस्लामिस्ट रियाज अख्तर अंसारी और गौस मोहम्मद ने चाकू से हमला कर हत्या कर दी थी। आरोपियों ने मर्डर का ऑनलाइन वीडियो भी पोस्ट कर दर्जी कन्हैयालाल का सिर काटकर हत्या करने का दावा किया था। दोनों आरोपियों को घटना के कुछ घंटों बाद राजसमंद के भीम क्षेत्र से पकड़ लिया गया..दोनों ऐसी बाइक से भाग रहे थे जिस गाड़ी का नंबर ही 2611 था, जो कि भारत की आर्थिक राजधानी मुंबई पर आतंकी हमले की तारीख भी है। बताया जाता है कि आरोपियों ने ये नंबर प्लेट भी 5000 रुपए में खरीदी था।
व्हाट्सएप ग्रुप पर थे आतंकियों से कनेक्टिड
अब इस मामले में खुलासा हुआ है कि आरोपी एक रेडिकल इस्लामिस्ट लोगों के व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़े हुए थे। सूत्रों से मिली खबर के अनुसार इस ग्रुप में मर्डर के बाद आरोपियों ने अपडेट किया था कि, ‘जो टास्क दिया वो पूरा किया’। बड़ा खुलासा ये हुआ कि इस ग्रुप में पाकिस्तान के भी कुछ लोग शामिल हैं।
सूत्रों की मानें तो कन्हैयालाल की हत्या में मात्र दो नहीं बल्कि 5 लोग शामिल थे। हत्या के बाद मोहम्मद गौस और रियाज को एक सेफ पैसेज देने के लिए बैकअप प्लान भी पूरी तरह से तैयार था। उस बैकअप प्लान में 3 लोग शामिल थे जिसमें मोहसिन उसका साथी आसिफ दुकान से थोड़ी ही दूरी पर खड़े नजर रख रहे थे। एक और साथी एक स्कूटी पर वहीं पास में ही तैनात था। पुलिस के सूत्रों के मुताबिक आरोपियों की प्लानिंग थी कि अगर गौस और रियाज मौके पर पकड़े भी जाते तो उनको वहां से निकालने का काम इन तीनों का था। इनके पास भी खंजर थे और प्लान ये था कि अगर हत्यारे फंसते भी तो ये लोग वहां से भाग निकलने में सफल रहें। तीनों अन्य साथी भीड़ पर हमला करके उनको बचा लेते। ये खुलासा इस मामले में गिरफ्तार हुए 2 और आरोपियों से पूछताछ में हुआ है।