6.8 C
London
Wednesday, December 11, 2024

अहमदाबाद बम ब्लास्ट: 13 साल बाद मिला इंसाफ, भारत के इतिहास में सबसे बड़ी सजा, जानिये क्या था मामला

अहमदाबाद ब्लास्ट के 49 दोषियों में से 38 को फांसी, 11 को उम्र कैद, एक आरोपी बना सरकारी गवाह

अहमदाबाद। भारत के इतिहास में सबसे बड़ी सजा अहमदाबाद बम ब्लास्ट मामले में सुनाई गई है। अहमदाबाद में 26 जुलाई 2008 को हुए सीरियल ब्लास्ट मामले के दोषियों को शुक्रवार को सजा सुनाई गई। 38 दोषियों को फांसी और 11 को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। 8 फरवरी को सिटी सिविल कोर्ट ने 78 में से 49 आरोपियों को यूएपीए (गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम) के तहत दोषी करार दिया था। इनमें से एक एक दोषी, अयाज सैयद, को जांच में मदद करने के एवज में बरी किया जा चुका है। इसके अलावा 29 भी सबूतों के अभाव में बरी हो चुके हैं।
कोर्ट ने कहा कि इन धमाकों में मारे गए लोगों के परिजनों को एक लाख, गंभीर घायलों को 50 हजार और मामूली घायलों को 25 हजार रुपए की सहायता दी जाएगी।

70 मिनट में हुए थे 21 धमाके
26 जुलाई 2008, यही वह दिन था जब 70 मिनट के दौरान 21 बम धमाकों ने अहमदाबाद की रूह को हिलाकर रख दिया। शहर भर में हुए इन धमाकों में कम से कम 56 लोगों की जान गई, जबकि 200 लोग घायल हुए थी। धमाकों की जांच-पड़ताल कई साल चली और करीब 80 आरोपियों पर मुकदमा चला। पुलिस ने अहमदाबाद में 20 प्राथमिकी दर्ज की थीं, जबकि सूरत में 15 अन्य प्राथमिकी दर्ज की गई थीं, जहां विभिन्न स्थानों से भी जिंदा बम बरामद किए गए थे।

नहीं फट पाए थे 29 बम
ब्लास्ट के बाद गुजरात की सूरत पुलिस ने 28 जुलाई और 31 जुलाई 2008 के बीच शहर के अलग-अलग इलाकों से 29 बम बरामद किए थे, जिनमें से 17 वराछा इलाके के और अन्य कतारगाम, महिधरपुरा और उमरा इलाके के थे। जांच में पता चला कि गलत सर्किट और डेटोनेटर की वजह से इन बमों में विस्फोट नहीं हो पाया था।

गोधरा कांड के जवाब में किए गए थे ब्लास्ट
ये ब्लास्ट आतंकी संगठन इंडियन मुजाहिदीन (आईएम) और बैन किए गए स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (एसआईएमआई) से जुड़े लोगों ने किए थे। विस्फोट से कुछ मिनट पहले, टेलीविजन चौनलों और मीडिया को एक ई-मेल मिला था, जिसे कथित तौर पर श्इंडियन मुजाहिदीनश् ने धमाकों की चेतावनी दी थी। पुलिस का मानना था कि प्ड के आतंकियों ने 2002 में गोधरा कांड के बाद हुए दंगों के जवाब में ये धमाके किए। इस मामले के एक अन्य आरोपी यासिन भटकल पर पुलिस नए सिरे से केस चलाने की तैयारी में है।

डीजीपी आशीष भाटिया के नेतृत्व में बनाई गई थी स्पेशल टीम
गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के आदेश पर जेसीपी क्राइम के नेतृत्व में अहमदाबाद क्राइम ब्रांच की एक विशेष टीम का गठन किया गया था। डीजीपी आशीष भाटिया ने इस टीम को लीड किया। वहीं, इस टीम में अभय चुडास्मा (डीसीपी क्राइम) और हिमांशु शुक्ला (एएसपी हिम्मतनगर) ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। मामलों की जांच तत्कालीन क्ैच् राजेंद्र असारी, मयूर चावड़ा, उषा राडा और वीआर टोलिया को सौंपी गई थी। अहमदाबाद क्राइम ब्रांच की इस विशेष टीम ने 19 दिनों में मामले का पर्दाफाश किया था और 15 अगस्त 2008 को गिरफ्तारी का पहला सेट बनाया था।

78 आरोपियों के खिलाफ मुकदमे की हुई थी शुरुआत
अदालत की ओर से सभी 35 एफआईआर को एक साथ जोड़ देने के बाद दिसंबर 2009 में 78 आरोपियों के खिलाफ मुकदमे की शुरुआत हुई थी। इनमें से एक आरोपी बाद में सरकारी गवाह बन गया था। मामले में बाद में चार और आरोपियों को भी गिरफ्तार किया गया था, लेकिन उनका मुकदमा अभी तक शुरू नहीं हो पाया है। मामले की सुनवाई के दौरान अभियोजन ने 1100 गवाहों का परीक्षण किया। सरकारी वकीलों में एचएम ध्रुव, सुधीर ब्रह्मभट्ट, अमित पटेल और मितेश अमीन, जबकि बचाव पक्ष से एमएम शेख और खालिद शेख आदि शामिल रहे।

19 दिन में पकड़े गए 30 आतंकी
स्पेशल टीम ने महज 19 दिनों में 30 आतंकियों को पकड़कर जेल भेज दिया था। इसके बाद बाकी आतंकी देश के अलग-अलग शहरों से पकड़े जाते रहे। अहमदाबाद में हुए धमाकों से पहले इंडियन मुजाहिदीन की इसी टीम ने जयपुर और वाराणसी में भी धमाकों को अंजाम दिया था। देश के कई राज्यों की पुलिस इन्हें पकड़ने में लगी हुई थी, लेकिन ये एक के बाद एक ब्लास्ट करते चले गए। अहमदाबाद धमाकों के दूसरे दिन, यानी 27 जुलाई को सूरत में भी सीरियल ब्लास्ट की कोशिश की गई थी, लेकिन टाइमर में गड़बड़ी की वजह से ये फट नहीं पाए थे।

अभी भी 8 की तलाश जारी
इस मामले में सूरत में 15 और अहमदाबाद में 20 शिकायतें दर्ज की गई थीं। देश के अलग-अलग शहरों से कुल 78 लोगों को अरेस्ट किया गया था। ब्लास्ट में शामिल आठ अन्य आरोपियों की तलाश अभ भी जारी है। सीरियल बलास्ट का मास्टर माइंड यासीन भटकल दिल्ली की जेल में, जबकि अब्दुल सुभान उर्फ तौकीर कोचीन की जेल में बंद है।

spot_img
spot_img
Manish Kashyap
Manish Kashyap
हमारा उद्देश्य देश, प्रदेश की हर ताजा खबर सत्यता के साथ सबसे तेज सबसे पहले आप तक पहुंचाना है।
Latest news
Related news

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here