रुद्रपुर। जनपद में फर्जी एवं झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ अभियान चलाना सुनिश्चित करें। यह निर्देश जिलाधिकारी युगल किशोर पन्त ने जिला कार्यालय सभागार में क्लीनिकल स्टेबलिस्मेंट एक्ट के अन्तर्गत बैठक लेते हुए दिये।
जिलाधिकारी ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि जनपद के भीतर किसी भी व्यक्ति के जीवन से खिलवाड़ न हो। उन्होंने निर्देशित करते हुए कहा कि फर्जी एवं झोलाछाप डॉक्टरों की धरपकड़ तेज की जाये तथा किसी भी क्लीनिक, होस्पिटल के बिना पंजीकरण चलते पाये जाने पर होस्पिटल को सीज करने के साथ ही सम्बन्धितों के खिलाफ विधिक कार्रवाई अमल में लाई जाये। उन्होंने निर्देशित करते हुए कहा कि होस्पिटल एवं क्लीनिकों में डॉक्टर्स का नाम शॉर्ट फॉर्म के स्थान पर पूरा नाम लिखवाने पर भी ज्यादा से ज्यादा ध्यान दिया जाये।
जिलाधिकारी ने होस्पिटल पंजीकरण हेतु निर्धारित पोर्टल पर ही डॉक्यूमेंट्स की सॉफ्ट कॉपी अपलोड कराने की व्यवस्था कराने हेतु पोर्टल बनाने वाली कम्पनी से पत्राचार करने के निर्देश भी स्वास्थ्य महकमें के आला अधिकारियों को दिये। उन्होंने बायो मेडिकल वेस्ट निस्तारण हेतु काशीपुर तथा रुद्रपुर में कैम्प लगाने के निर्देश क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण अधिकारी को दिये। जिलाधिकारी ने होस्पिटलों के अस्थायी आवेदनों के निस्तारण हेतु कमेटी बनाने के निर्देश स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को दिये। जिलाधिकारी ने जनपद में किसी भी डॉक्टर के संदिग्ध होने की सूचना प्रशासन को देने में सहयोग करने की अपील आईएमए के पदाधिकारियों सहित जनता से की।
बैठक में सीएमओ डॉ.सुनीता रतूड़ी चुफाल, एसीएमओ डॉ.हरेन्द्र मलिक, जिला आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारी डॉ.आशुतोष पन्त, आईएमए के प्रतिनिधि डॉ.सुनील जोशी, डॉ.तरूण, डॉ.भारत भूषण, डॉ.नरेश गोस्वामी, डॉ.अमित मिश्रा उपस्थित थे।