देहरादून। सार्वजनिक परिवहन सेवाओं का किराया बढ़ाने की कवायद शुरू हो गई। डीजल और पेट्रोल की बढ़ती कीमतों के बीच करीब ढाई साल बाद बस, ऑटो रिक्शा, टैक्सी आदि के किराये में इजाफा होगा। राज्य परिवहन प्राधिकरण (एसटीए) शासन को अपनी रिपोर्ट सौंप चुका है। जानकारी के अनुसार बसों का पहाड़ी रूटों पर किराया 60 पैसे और मैदानी रूटों पर 42 पैसे प्रति किलोमीटर तब बढ़ सकता है।
ऐसा होता है तो दिल्ली जाने वाले यात्रियों को सामान्य बसों में भी 380 के बजाय पांच सौ से ज्यादा रुपये प्रति यात्री चुकाने होंगे। कुमाऊं का प्रवेश द्वार हल्द्वानी पहाड़ और मैदानी क्षेत्रों में आवागमन का केंद्र है। यहां रोडवेज या केमू की बसों के माध्यम से यात्री पहाड़ों को जाते हैं। साथ ही मैदानी क्षेत्रों की आवाजाही भी यहीं से शुरू होती है।
अब किराया बढ़ाने को लेकर सामने आई सूत्र आधारित रिपोर्ट के अनुसार पहाड़ी क्षेत्रों में बसों का किराया 2.10 रुपये और मैदानी रुटों पर 1.50 रुपये प्रति किलोमीटर हो सकता है। ऐसे में अल्मोड़ा से लेकर पिथौरागढ़ और धारचूला तक जाने के लिए अब 35 फीसदी ज्यादा किराया चुकाना पड़ सकता है। वहीं प्रदेश की राजधानी देहरादून और देश की राजधानी दिल्ली जाने के लिए इसी दर से महंगा सफर करना पड़ेगा। हालांकि परिवहन विभाग ने इसे लेकर अभी आधिकारिक घोषणा नहीं की है। लेकिन इतना तय है कि बढ़ती महंगाई के बीच प्रदेश की जनता पर बस और ऑटो रिक्शा का किराया बढ़ने से आर्थिक असर जरूर पड़ेगा।
रोडवेज और केमू से लगातार उठ रही थी मांग
परिवहन विभाग ने 2019 में सार्वजनिक परिवहन सेवाओं के किराये में इजाफा किराया था। उस समय पेट्रोल और डीजल के दाम करीब 70 रुपये प्रति लीटर के आसपास थे। लेकिन बीते दो सालों में पेट्रोलियम पदार्थों की कीमत आसमान छू चुकी हैं। पेट्रोल 102 रुपये के पार तो डीजल 96 रुपये से ज्यादा भाव में बिक रहा है। ऐसे में रोडवेज, केमू को घाटा हो रहा था। किराये में इजाफा करने को लेकर रोडवेज कर्मचारी संगठन, केमू प्रबंधन लगातार मांग करते आ रहे हैं।
सार्वजनिक परिवहन सेवाओं के किराये में इजाफा करने को लेकर लगातार हो रही मांगों के बीच चुनाव आचार संहिता लागू होने करीब दो महीने पहले एसटीए की बैठक हुई थी। इस बैठक में किराया बढ़ाने का प्रस्ताव लाया गया था। लेकिन उस समय प्राधिकरण ने इस मामले में कमेटी का गठन कर दिया था और दो महीने में रिपोर्ट सौंपने को कहा गया था। लेकिन उसके बाद चुनाव के चलते मामला लटका रहा।
हल्द्वानी से प्रमुख रूटों का सम्भावित किराया
अभी सम्भावित
अल्मोड़ा 178 234
चम्पावत 305 423
पिथौरागढ 380 506
बागेश्वर 320 431
देहरादून 445 582
दिल्ली 380 506
गंगोलीहाट 370 493
डीडीहाट 450 598
धारचूला 565 750
लोहाघाट 350 448
गैरसैंण 315 422
नैनीताल 70 94
रामनगर 80 106