देहरादून। प्रदेश के लिए गर्मी आफत बनकर सामने आ रही है। गर्मी बढ़ने के साथ उत्तराखंड के जंगलों में आग लगने के मामले भी बढ़ रहे हैं। वन विभाग के लिए आग बुझाना बड़ी चुनौती बन गया है। पहाड़ों में ग्रामीणों की मदद से आग को नियंत्रित करने का प्रयास किया जा रहा है। बीते एक दिन में 32 स्थानों पर जंगल की आग धधक उठी। जबकि, एक दर्जन के करीब क्षेत्रों में आग बुझाने के तमाम प्रयास नाकाफी साबित हो रहे हैं।
प्राप्त जानकारी के अनुसार अब तक प्रदेश में कुल 272 घटनायें सामने आई हैं। जिसमें अभी तक 332.82 हेक्टेयर वन क्षेत्र प्रभावित हो चुका है। फायर सीजन शुरू होने के बाद से ही उत्तराखंड में वनों के सुलगने का सिलसिला जारी है। बीते 24 घंटे में प्रदेश में 32.46 हेक्टेयर वन क्षेत्र को आग से नुकसान पहुंचा है। इसी के साथ फायर सीजन में 15 फरवरी से अब तक कुल 272 घटनाओं में 332.82 हेक्टेयर वन क्षेत्र प्रभावित हुआ है। वन विभाग के तमाम प्रयासों के बावजूद आग पर काबू पाना चुनौती बना हुआ है।
राज्यभर में जंगलों के धधकने का सिलसिला तेज
मौसम के मिजाज को देखते हुए आने वाले कुछ दिनों में मुश्किलें और बढ़ सकती हैं। हालांकि, इसे देखते हुए वन मुख्यालय ने सभी वन प्रभाग को फायर वाचर की संख्या बढ़ाने के निर्देश दिए हैं, ताकि आग पर नियंत्रण पाया जा सके। वहीं, तापमान में बढ़ोतरी के साथ ही राज्यभर में जंगलों के धधकने का सिलसिला तेज हो चला है।
बड़ी संख्या में ग्रामीण बुझाने में सहयोग दे रहे
आग के विकराल होने की स्थिति में राजस्व विभाग, पुलिस, होमगार्ड, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पीआरडी जवानों के साथ ही बड़ी संख्या में ग्रामीण बुझाने में सहयोग दे रहे हैं।
कंट्रोल रूम से नियमित ली जा रही अपडेट
अल्मोड़ा, पिथौरागढ़, चंपावत, नैनीताल, पौड़ी, टिहरी, रुद्रप्रयाग, चमोली जिलों में तमाम स्थानों पर जंगल सुलग रहे हैं। ऊधमसिंहनगर जिले के जंगलों का कुछ हिस्सा भी झुलसा है। नोडल अधिकारी सीसीएफ निशांत वर्मा कहा कि कंट्रोल रूम से नियमित अपडेट लेने के साथ ही कार्मिकों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए जा रहे हैं।