रुद्रपुर। विधानसभा चुनाव को लेकर अब सबकी धड़कनें 10 मार्च को आने वाले रुझान पर टिकी हुई हैं। वहीं रुद्रपुर विधानसभा से दो बार विधायक रहे राजकुमार ठुकराल को इस बार दल का बल न मिलने के चलते नुकसान हो सकता है। पार्टी को अपनी मां का दर्जा देने वाले विधायक राजकुमार ठुकराल बागी होकर चुनावी समर में उतरे थे, जिसके बाद उन्होंने निर्दलीय मैदान में उतरकर सीटी चुनाव चिन्ह के दम पर चुनाव लड़ा। वहीं भाजपा ने ऊधमसिंह नगर के जिलाध्यक्ष शिव अरोरा पर अपना दांव खेला था और उन्हें अपना उम्मीदवार बनाया था, साथ ही कांग्रेस से पूर्व पालिकाध्यक्ष मीना शर्मा चुनावी मैदान में थी।
बीते दस वर्ष से रुद्रपुर से विधायक रहे राजकुमार ठुकराल को इस बार किसी मजबूत दल का सहारा न मिलने के चलते नुकसान साफ होता दिख रहा हैं लेकिन विधायक राजकुमार ठुकराल द्वारा निंरतर की जा रही प्रेस वार्ता से अंदाजा लगाया जा रहा है कि यदि वह जीतते हैं तो वह किसी भी दल को समर्थन दे सकते हैं हालांकि पार्टी को मां का दर्जा देने वाले विधायक राजकुमार ठुकराल एक बार मां समान पार्टी से छल भी कर चुके हैं, टिकट न मिलने से पूर्व में विधायक राजकुमार ठुकराल का कहना था कि पार्टी मेरी मां है, हाईकमान जिस पर भरोसा जताती है, वह उसका खुलकर समर्थन करेंगे लेकिन भाजपा द्वारा शिव अरोरा को टिकट दिये जाने के बाद से ही विधायक राजकुमार ठुकराल मुखर हो गए और मां का दर्जा दिये जाने वाले पार्टी के साथ ही छल कर निर्दलीय मैदान में उतर गए लेकिन चुनाव लड़ने की बात को विधायक राजकुमार ठुकराल अपने समर्थकों की सहमति को आदेश बता रहे हैं। राजनीति विशेषज्ञों की मानें तो इस बार रुद्रपुर में कमल खिलने के आसार दिख रहे हैं लेकिन विधायक राजकुमार ठुकराल काफी लंबे समय से जनता के बीच रहे हैं, जिसे अनदेखा नहीं किया जा सकता। विधायक राजकुमार ठुकराल का मानना है कि कुछ छल प्रपंचियों द्वारा हाईकमान को भ्रमित कर उनका टिकट काटा गया है और पार्टी को गुमराह किया गया है।
वहीं दल का बल न मिलने के चलते विधायक राजकुमार ठुकराल का कल अंधेरामय नजर आ रहा है, वहीं पार्टी से छल को लेकर भी अन्य पार्टियां विधायक राजकुमार ठुकराल पर काफी सोच विचार के बाद ही निर्णय लेंगी क्योंकि पूर्व में ही विधायक राजकुमार ठुकराल मां समान पार्टी के साथ छल कर चुकें हैं।