रुद्रपुर।हमारे नेता हमारा अभिमान श्रृंखला में आज हम बात कर रहे हैं तराई और पूर्वांचल में लोकप्रिय चेहरा रहे स्वर्गीय यशवंत मिश्रा की, जिन्होंने अपना पूरा जीवन जनसेवा और किसान हितों के लिए समर्पित कर दिया।
स्व. मिश्रा जी का जन्म 20 जुलाई 1960 को ग्राम प्रतापपुर (वर्तमान में किच्छा विधानसभा) में हुआ था। प्रारंभ से ही वह समाज और राजनीति में सक्रिय रहे। छात्र जीवन में ही डिग्री कॉलेज से राजनीति में कदम रखा और वर्ष 1985 में युवक मंगल दल से जुड़कर समाजसेवा की ओर सक्रियता से बढ़े।
सरल व्यक्तित्व, ऊर्जावान विचारधारा, मृदुभाषी स्वभाव और न्यायप्रिय छवि ने उन्हें आम जनमानस में लोकप्रिय बना दिया। किसानों के हितों के लिए मिश्रा जी का योगदान उल्लेखनीय रहा। भाजपा किसान मोर्चा के अध्यक्ष रहते हुए उन्होंने किसानों की समस्याओं को प्राथमिकता दी और उनकी आवाज बुलंद की।
यही नहीं, किसान बंधु की बैठकों को दिशा देने और संगठित करने का श्रेय भी मिश्रा जी को ही जाता है। उनके नेतृत्व में किसान संगठन नई ऊंचाइयों तक पहुंचा।
इसके अलावा 2010-2011 में वह राज्य बीज संस्था के सदस्य रहे और 2011-2015 तक जिला आत्मा परियोजना के अध्यक्ष पद पर रहते हुए कृषि क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण योजनाओं का संचालन किया।
आज भी क्षेत्र में जब मिश्रा जी का जिक्र होता है तो उनके कार्यों की प्रशंसा किए बिना लोग नहीं रहते। लोग बताते हैं कि उनका जीवन आज भी हम सभी को सेवा, समर्पण और संघर्ष की प्रेरणा देता है।
स्व. यशवंत मिश्रा जी की स्मृतियां आज भी लोगों के दिलों में जीवित हैं और उनका कार्य आज भी तराई और पूर्वांचल क्षेत्र की नई पीढ़ी को आगे बढ़ने का
संदेश देता है।