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Thursday, November 28, 2024

उत्तराखंड में इस बार हुए तबादले में कुछ खास, जानें दीपक रावत की भूमिका, इन अधिकारियो को पहली बार में ही मिली बड़ी जिम्मेदारी

देहरादून।उत्तराखंड में 38 आईएएस और 5 पीसीएस अधिकारियों का तबादला किया गया है… इनमें से कई अधिकारी ऐसें हैं जिन्हें इस बार बड़ी भूमिका दी गई है..इन अधिकारियों में कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत, सविन बंसल, कमेंद्र सिंह शामिल हैं..

उत्तराखंड शासन में बड़े स्तर पर अधिकारियों को इधर से उधर किया गया है… IAS और PCS अधिकारियों के तबादले लंबे समय से रुके हुए थे, लेकिन एक ही आदेश में गढ़वाल से लेकर कुमाऊं तक कई अधिकारियों को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इधर से उधर कर दिया… इस लिस्ट में कई ऐसे भी निर्णय लिए गए हैं जो देखकर लगता है कि सरकार कुछ नया करने का मन बना रही है…

 सविन बंसल को देहरादून का जिलाधिकारी बनाया गया है.. सविन 2009 बैच के IAS अधिकारी हैं.. ईमानदार छवि और अपनी कार्यशैली से पहचान बनाने वाले सविन बंसल इससे पहले नैनीताल और पिथौरागढ़ के जिलाधिकारी रह चुके हैं..पूर्व में कैबिनेट में और उनके बीच विवाद की काफी चर्चाओं में रहा.. देहरादून जैसे प्रमुख जिले की जिम्मेदारी मिलना सविन बंसल की कार्यशैली को पर मुहर लगाता है.. जिलाधिकारी सविन बंसल पर स्मार्ट सिटी और आगामी निकाय चुनाव जैसी जिम्मेदारी शुरुआती दिनों में ही होगी…

कमेंद्र सिंह को पहली तैनाती और सबसे बड़ा जिला इसी तरह से हरिद्वार जैसे प्रमुख जिले के जिलाधिकारी के तौर पर तैनात किए गए कमेंद्र सिंह का भी नाम सभी के लिए चौंकाने वाला है… 2011 बैच के प्रमोटी आईएएस अधिकारी कमेद्र सिंह साल 2016 में उत्तराखंड आए हैं… खास बात यह है कि अब तक वह किसी भी जिले के जिला अधिकारी नहीं रहे.. उन्हें शुरुआत में ही उत्तराखंड का सबसे महत्वपूर्ण जिला दे दिया गया है.. साफ छवि और ईमानदारी से अपना काम करने का ही नतीजा है की उन्हें हरिद्वार में भेजा गया है…इससे पहले कमेंद्र सिंह अपर सचिव कार्मिक और आईएएस राकेश कुमार के साथ लोकसेवा आयोग में काम कर चुके हैं.. तैनाती के बाद सबसे बड़ी जिम्मेदारी हरिद्वार में शुरू हो रहे कॉरिडोर के काम की होगी. उस विरोध की होगी जो अभी व्यापरियों में पनपा हुआ है…

देहरादून से दूर सीएम सचिव की भूमिका में दीपक रावत तबादला लिस्ट में दीपक रावत का नाम भी शामिल है… दीपक रावत कुमाऊं कमिश्नर के साथ-साथ मुख्यमंत्री का सचिव भी बनाया गया है… अब सवाल यह खड़ा होता है कि कुमाऊं यानी नैनीताल में रहकर उनके मुख्यमंत्री के सचिव के तौर पर क्या भूमिका रहेगी…जानकार मानते हैं कि यह नई परंपरा है… हालांकि, इससे पहले दो बार ऐसा हो चुका है… कमिश्नर के पास भी सभी शक्तियां होती हैं… इससे पहले सैंथिल पांडियन जब कुमाऊं कमिश्नर थे तो उन्हें मेडिकल एजुकेशन का सचिव बनाया गया था. इसके बाद त्रिवेंद्र सरकार में ह्यांकी को कमिश्नर रहते हुए मुख्यमंत्री का सचिव बनाया गया था दीपक रावत नैनीताल में ही बैठकर के मुख्यमंत्री के सचिव की भूमिका भी निभाएंगे… सरकार ने ये फैसला इसलिए भी लिया है ताकि कुमाऊं में चल रही तमाम केंद्रीय योजनाओं और विकास के कार्यों को अधिक गति दी जा सके….

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Manish Kashyap
Manish Kashyap
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