डाकघर की आरडी और एफडी समेत अन्य छोटी बचत पर आपको अगले माह से अधिक ब्याज मिल सकता है। पिछले दो साल के छोटी बचत पर ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं हुआ है। अर्थशास्त्रियों का कहना है कि रिजर्व बैंक की ओर से रेपो दर में तेज वृद्धि के बाद सरकार छोटी बचत पर ब्याज दरों में इजाफा कर सकती है जिससे उसे आकर्षक बनाया जा सके। अगले तिमाही यानी जुलाई-सितंबर के लिए दरों का ऐलान वित्त मंत्रालय इस माह के अंत में करेगा।
अर्थशास्त्रियों का कहना है कि बॉन्ड पर यील्ड भी बढ़ता जा रहा है और दूसरी तरफ सरकार को एक लाख करोड़ रुपये के अतिरिक्त उधारी की जरूरत पड़ने का अनुमान है। ऐसे में सरकार आखिरकार छोटी बचत योजनाओं में बढ़ोतरी करेगी। इक्रा की मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर का कहना है कि छोटी बचत दरों में वृद्धि से ऐसी योजनाओं में उच्च प्रवाह हो सकता है। इससे छोटे निवेशकों को अपनी बचत पर ऊंचा ब्याज मिल सकेगा।
वहीं सरकार के राजकोषीय घाटे घाटो को भी सीमित करने में मदद मिलेगी क्योंकि उसे कम उधारी लेनी होगी। इसके अलावा इससे बॉन्ड बाजार की घबराहट भी कम होगी। नायर ने कहा उम्मीद है कि आगामी तिमाही के दौरान 10 साल के सरकारी बॉन्ड (जी-सेक) पर यील्ड बढ़कर 7.75-8.0 फीसदी हो जाएगा, जो मौजूदा 7.4 फीसदी है। इक्रा का अनुमान है कि वित्त वर्ष 2023 की दूसरी तिमाही में आबीआई रेपो दर में 0.60 फीसदी का और इजाफा कर सकता है।
बेटियों के लिए सुकन्या
छोटी बचत योजनाओं में शामिल सुकन्या समृद्धि योजना पर केवल ऊंचा ब्याज ही नहीं मिलता बल्कि सालाना 1.50 लाख रुपये तक की टैक्स छूट मिलती है। सकन्या खाता बेटियों के लिए होता है। एक साल से 10 साल की बेटी के लिए इसकी शुरुआत की जा सकती है। जमा राशि निकालने की सुविधा बेटी के 21 की उम्र होने पर है लेकिन 18 साल की होने पर उसकी उच्च शिक्षा के लिए राशि निकाल सकते हैं।
पीपीएफ पर चार तारीख से पहले जमा पर अधिक लाभ
पीपीएफ पर आप मौजूदा ब्याज से अधिक फायदा उठा सकता हैं। वित्तीय सलाहकारों का कहना है कि पीपीएफ पर ब्याज की गणना हर माह की पांच तारीख से उस माह की आखिरी तारीख के बीच न्यूनतम राशि पर की जाती है। ऐसे में आप हर माह चार तारीख से पहले राशि जमा करते हैं तो एक माह का अतिरिक्त ब्याज का लाभ उठा सकते हैं।