नई दिल्ली। केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने बुधवार को एबीजी शिपयार्ड लिमिटेड के संस्थापक-अध्यक्ष ऋषि कमलेश अग्रवाल को 22,842 करोड़ रुपये की कथित बैंक धोखाधड़ी के मामले में गिरफ्तार किया। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि सीबीआई ने भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) और भ्रष्टाचार रोकथाम अधिनियम के तहत आपराधिक साजिश, धोखाधड़ी, आपराधिक विश्वासघात और आधिकारिक पद के दुरुपयोग के आरोपों में कंपनी के पूर्व अध्यक्ष अग्रवाल और अन्य के खिलाफ सात फरवरी को मामला दर्ज किया था।
जांच एजेंसी ने एसबीआई की शिकायत पर यह मामला दर्ज किया था। अधिकारियों ने कहा कि अग्रवाल को बुधवार को पूछताछ के लिए सीबीआई मुख्यालय बुलाया गया था और इस दौरान जांच में सहयोग नहीं करने के बाद उन्हें गिरफ्तार किया गया। आईसीआईसीआई बैंक के नेतृत्व में 28 बैंकों और वित्तीय संस्थानों से कंपनी को ऋण सुविधा दी गई थी, जिसमें भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) द्वारा दिया गया 2,468.51 करोड़ रुपये का कर्ज शामिल है।
लेखा परीक्षक सेवाप्रदाता ‘अर्न्स्ट एंड यंग’ द्वारा फॉरेंसिक ऑडिट से पता चला है कि 2012 और 2017 के बीच आरोपियों ने एक-दूसरे के साथ मिलीभगत कर अवैध गतिविधियों को अंजाम दिया, जिसमें कोष का दुरुपयोग और आपराधिक विश्वासघात शामिल है। अधिकारियों ने बताया कि कर्ज की राशि का उपयोग उन उद्देश्यों के लिए नहीं किया गया, जिनके लिए उन्हें बैंकों द्वारा जारी किया गया था।
बैंक ने सबसे पहले आठ नवंबर, 2019 को शिकायत दी थी, जिस पर सीबीआई ने 12 मार्च, 2020 को कुछ स्पष्टीकरण मांगा था। इसके बाद, बैंक ने अगस्त, 2020 में नयी शिकायत दी और करीब डेढ़ साल की ‘‘छानबीन’’ के बाद सीबीआई ने सात फरवरी को मामला दर्ज किया था। एबीजी शिपयार्ड जहाज निर्माण क्षेत्र में देश की एक अग्रणी कंपनी रही है, जिसकी निर्माण इकाई गुजरात के दहेज और सूरत में है।