BRICS Summit: चीन और भारत ने मिलक BRICS सम्मेलन में शामिल होने के पाकिस्तान के सपने पर पानी फेर दिया। पहले भारत ने रोक लगाई फिर पाकिस्तान के सदाबहार दोस्त चीन ने भी इसपर अपनी सहमति व्यक्त कर बड़ा झटका दिया है।
चीन ने 24 जून को ‘वैश्विक विकास पर हाई लेवल की वार्ता’ (HLDGD) की मेजबानी की। ये वार्ता ब्रिक्स सम्मेलन का हिस्सा था जिसकी मेजबानी स्वयं चीन कर रहा था। इस सम्मेलन का हिस्सा कई गैर-ब्रिक्स देश भी बने सिवाये एक देश के जो भारत को इसके लिए कोस रहा है। इस देश का नाम है पाकिस्तान, जो भारत को कोसने के बाद चीन की ओर बड़ी उम्मीदों से देख रहा था। इसके बावजूद भारत ने एक स्मार्ट दांव चलते हुए चीन को भी अपने पक्ष में कर लिया और पाकिस्तान खड़ा देखता रह गया। कई प्रयासों के बावजूद खुद चीन ने भारत के इस कदम का समर्थन किया और बताया कि क्यों पाकिस्तान इसमें शामिल होने के लायक नहीं है। इससे बड़ा झटका पाकिस्तान के लिए और क्या हो सकता है कि उसका परम मित्र ही उसे आईना दिखाए।
BRICS में शामिल होने के लायक नहीं पाकिस्तान
अब चीन ने भी भारत के इस रुख का समर्थन किया है और उसका मानना है कि ब्रिक्स सम्मेलन में विकासशील/उभरती अर्थव्यवस्थाओं को शामिल किया गया था और पाकिस्तान इसमें फिट नहीं बैठता है। पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था भी श्रीलंका की तरह जूझ रही है। उसके पास इतने पैसे नहीं है कि अपना कर्ज भी चुका सके। वो भी अपनी अर्थव्यवस्था को स्थिर करने के लिए बेल आउट पैकेज से उम्मीद लगाए बैठा है।
भारत की कूटनीतिक जीत
ब्रिक्स शिखर सम्मेलन से पहले चीन में मौजूद भारतीय राजदूत ने कई द्विपक्षीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर चर्चा की थी। इसके बाद ही चीन के रुख में बदलाव देखने को मिला और इसे भारत की कूटनीतिक जीत बताई कहा जा रहा है। ऐसे में पाकिस्तान के प्रयास के बावजूद स्पष्ट हो गया कि चीन भी भारत के रुख से सहमति रखता है।