रूद्रपुर। नगर निगम में अनियमितताओं एवं टेंडर प्रक्रिया में मनमानी के खिलाफ कांग्रेसजनों ने 20 मार्च से अनिश्चित कालीन अनशन का ऐलान किया है। इसको लेकर कांग्रेसियों ने शनिवार को सीडीओ एवं मुख्य नगर आयुक्त विशाल मिश्रा को ज्ञापन भी सौंपा G20 मीटिंग में होने के कारण ज्ञापन फोन पर दिया गया बात भी हुई सोमवार को मिलने का समय दिया है
कार्यवाहक महानगर अध्यक्ष सीपी शर्मा एवं पार्षद मोहन खेड़ा के नेतृत्व में सीडीओ को ज्ञापन देने पहुंचे कांग्रेसियों ने आरोप लगाया कि नगर निगम बोर्ड द्वारा पारित प्रस्तावों को पूल के जरिये टेन्डर वितरण कर अपने चहेते ठेकेदारो और भाजपा समर्थित ठेकेदारों को कार्य दिया जा रहा है। जिन कालोनियों में कालोनाइजरों द्वारा कालोनियों में सड़के नालियाँ आदि का निर्माण कराई जानी चाहिए वहां मेयर अपना निजी हित लाभ लेने के उद्देश्य से नगर निगम का लाखों रुपया निर्माण कार्यों पर खर्च करवा रहे हैं। मेयर अपने चहेते ठेकेदारों का भुगतान करा रहे हैं जबकि कांग्रेस समर्थित ठेकेदारों के लिए धन ना होने का बहाना कर उन्हें भुगतान नहीं कर रहे हैं। कार्यवाहक महानगर अध्यक्ष सीपी शर्मा ने कहा कि नगर निगम रूद्रपुर द्वारा 45 टेण्डरों को पूल के जरिये अपने चहेते ठेकेदारों को कार्य सौंपा गया है जो कि शर्तों के विपरीत एवं घोर आपत्ति जनक है। श्री शर्मा ने कहा कि नगर निगम क्षेत्रान्तर्गत कई कालोनियों में जो विकास कार्य किये जा रहे हैं उन कालोनियों में समितियों बनाकर विकास शुल्क कालौनीवालों से वसूला जाता है यह विकास कार्य किन मदों में खर्च होता है उसका कुछ पता नहीं। जबकि सड़कें, नालियों, बिजली की समुचित व्यवस्था करने की जिम्मेदारी नगर निगम की है। इस तरह से सम्पूर्ण नगर निगम क्षेत्र में करोड़ों रुपयों का गोल माल हो रहा है। मलिन बस्तियाँ आज भी मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं। मेयर बिना कोरम पूरा किये ही बोर्ड की मीटिंग में प्रस्तावों को पारित कर रहे हैं । बैठक में काग्रेसी पार्षदों को बोलने का मौका नहीं दिया जाता। श्री शर्मा ने कहा कि शक्तिविहार कालोनी मात्र डेढ़ किमी के दायरे में बसी है यहां पर साढ़े 12 किमी की सड़कों का टेंडर निकाला गया है जो भ्रष्टाचार का जीता जागता उदाहरण है। इसके अलावा इन्दिरा चौक का काम विकास प्राधिकरण करा रहा है लेकिन नगर निगम ने इस कार्य के लिए अलग से टेंडर पास किया है। कांग्रेसियों ने अनियमितताओं की निष्पक्ष जांच कर टेंडरों को निरस्त करने की पुरजोर मांग की है। और कार्रवाई नहीं होने पर 20 मार्च से नगर निगम परिसर में पार्षदों और कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ अनिश्चित कालीन अनशन पर बैठने का ऐलान किया है।